नाव पर पूरे विश्व की परिक्रमा करने निकलीं भारतीय नौसेना की दो अधिकारी अपने पहले पड़ाव पर ऑस्ट्रेलिया पहुंच गई हैं। नाविका सागर परिक्रमा-2 अभियान पर निकलीं लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए ने 3 दिनों की चुनौतीपूर्ण यात्रा के दौरान 4900 नॉटिकल मील से अधिक का सफर तय किया है।
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने बताया है कि नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने इस ऐतिहासिक अभियान को 2 अक्टूबर 2024 को गोवा से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इसने 16 अक्टूबर को भूमध्य रेखा को पार किया और 27 अक्टूबर को मकर रेखा से आगे निकल गयी।
मंत्रालय के मुताबकि, दोनों महिला नाविकों को 38 दिन के इस लगातार सफर में मौसम की गंभीर परिस्थितियों का भी सामना करना पड़ा। कहीं 40 नॉट्स की गति से चलने वाली तेज समुद्री हवाएं थीं तो कहीं 6 मीटर ऊंचाई वाली लहरें, लेकिन दोनों महिला अधिकारियों ने हिम्मत और बहादुरी के साथ हर परिस्थिति का सामना किया और अपने पहले पड़ाव पर ऑस्ट्रेलिया के फ्रीमैंटल में बंदरगाह पर पहुंचीं।
फ्रीमैंटल में आईएनएसवी तारिणी के पहुंचने पर महिला नाविकों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उपस्थित गणमान्य नागरिकों में पर्थ स्थित भारतीय महावाणिज्यदूत, ऑस्ट्रेलिया के रक्षा सलाहकार, भारतीय नौसेना नौकायन संघ (आईएनएसए) के सचिव, रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के प्रतिनिधि के अलावा ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय नौसेना के पूर्व सैनिक शामिल थे।
बता दें कि नाविका सागर परिक्रमा-II एक महत्वाकांक्षी जलयात्रा है जिसमें विश्व भर के चार प्रमुख बंदरगाहों पर रुकना शामिल है। दो महिला नाविक आईएनएसवी तारिणी की इस तरह की पहली जलयात्रा के जरिए नौसेना की विरासत को आगे बढ़ा रही हैं। यह उपलब्धि भारतीय नौसेना में महिला नाविकों की ताकत, उनके कौशल और जुझारूपन को रेखांकित करती है।
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