अमेरिका में भारत के निवर्तमान राजदूत तरणजीत सिंह संधू के सम्मान में एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान संधू ने भारतीय अमेरिकी समुदाय से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि उनकी दूसरी पीढ़ी भारत से जुड़ी रहे।
वर्जीनिया के मैकलीन में नेशनल काउंसिल ऑफ एशियन इंडियन एसोसिएशन द्वारा आयोजित विदाई समारोह में राजदूत संधू ने कहा कि भारत के साथ ये जुड़ाव आने वाले वर्षों में उस समय फायदेमंद साबित होगा, जब तमाम अंतर्राष्ट्रीय कंपनियां भारत को अपना ठिकाना बनाएंगी। उस वक्त ऐसे लोगों को नौकरी और व्यवसाय में प्राथमिकता मिल सकती है, जो भारत के बारे में जागरूक होंगे। ऐसे में न सिर्फ भावनात्मक, सांस्कृतिक और अन्य कारणों से बल्कि आर्थिक और वाणिज्यिक कारणों से भी भारत से जुड़े रहिए।
राजदूत ने खासतौर से स्वास्थ्य सेवा एवं व्यापार के क्षेत्रों में भारतीय अमेरिकियों के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान भारतीय मूल के एक डॉक्टर का भी हवाला दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की कई सफलताएं भारतीय-अमेरिकी पेशेवरों ने हासिल की हैं। चाहे स्वास्थ्य सेवा हो या अन्य एसटीईएम क्षेत्र, भारतीय अमेरिकियों को आज संयुक्त राज्य अमेरिका की कामयाबी का हिस्सा माना जाता है। यही कारण है कि हमें आप पर इतना गर्व है।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2023 में अमेरिका यात्रा और एक विश्वसनीय रणनीतिक साझेदार के रूप में भारत की बढ़ती स्वीकार्यता को याद करते हुए संधू ने कहा कि यह सब प्रवासी भारतीयों के योगदान के कारण ही संभव हुआ है। तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने कहा कि भारत को यह पहचान दिलाने में आप सभी का या आपके माता-पिता की सफलताओं का अहम योगदान है। इसके लिए आप सभी धन्यवाद के पात्र हैं।
भारतीय-अमेरिकी बिजनेस इम्पैक्ट ग्रुप द्वारा आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में राजदूत संधू ने रक्षा, तकनीक और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों में अभूतपूर्व प्रगति का जिक्र किया। इस महीने के अंत में रिटायर होने जा रहे संधू ने कहा कि तथ्य यह है कि हमने अभी तक इन क्षेत्रों में केवल शुरुआत की है, यह अटूट दोस्ती बहुत आगे तक जाने वाली है।
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