विदेश मंत्रालय (MEA) ने बताया है कि पिछले पांच सालों में 1600 से अधिक शिकायतें ऐसी मिली हैं जिनमें भारतीय महिलाओं (NRI) ने बताया है कि उनके पति उन्हें छोड़कर चले गए हैं। ये शिकायतें इस बात की तरफ इशारा करती हैं कि कई भारतीय महिलाएं अकेली पड़ जाती हैं जब उनके पति विदेश जाकर बस जाते हैं। ये शिकायतें खासतौर से पंजाब जैसे राज्यों से ज्यादा आ रही हैं। भारत के इस राज्य से लोगों के विदेश जाने का बहुत चलन है।
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्ती वर्धन सिंह ने ये जानकारी दी। उन्होंने बताया, 'विदेश में मौजूद हमारे दूतावासों और दफ्तरों से मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले पांच सालों में 1617 शिकायतें ऐसी आई हैं, जिनमें NRI महिलाओं का दावा है कि उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया है।'
सरकार ने इन NRI महिलाओं की मुश्किलों को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें कानूनी मदद, आर्थिक मदद और आपातकालीन सहयोग शामिल हैं। सिंह ने बताया, 'हमारा मंत्रालय, विदेश में मौजूद अपने दूतावासों और ऑफिसों के जरिये, परेशान भारतीय महिलाओं को कानूनी प्रक्रियाओं और उपलब्ध सुविधाओं के बारे में सही सलाह, मार्गदर्शन और जानकारी देता है।' उन्होंने आगे बताया कि भारतीय दूतावास स्थानीय समूहों और NGOs के साथ मिलकर उपलब्ध संसाधनों की जानकारी फैलाते हैं।
सिंह ने ये भी बताया कि सरकार ने परेशान NRI महिलाओं के लिए 24 घंटे चलने वाली हेल्पलाइन शुरू की है। सरकार इंडियन कम्युनिटी वेलफेयर फंड (ICWF) के जरिये आर्थिक और कानूनी मदद मुहैया कराती है। शिकायतों के निपटारे के लिए MADAD और CPGRAMS जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी बनाए गए हैं। इसके अलावा, भारतीय दूतावास समस्याओं को सुनने और सीधी मदद देने के लिए मीटिंग्स और ओपन हाउस सेशन भी करते हैं।
हालांकि विदेश में छोड़ी गई महिलाओं की मदद करने में MEA का महत्वपूर्ण रोल है, लेकिन भारत में ऐसे मामलों को संभालना राज्य सरकारों के लिए एक चुनौती है। सिंह ने साफ किया कि जो लोग अपनी पत्नियों को भारत में छोड़कर विदेश जाते हैं, उनके खिलाफ मौजूदा कानूनों के तहत संबंधित राज्य सरकारें कार्रवाई करती हैं।
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