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ओलंपिक हॉकीः इस बार दुनिया को मिलेगा नया चैंपियन, क्या भारत के सिर सजेगा ताज?

हॉकी में भारत के सिर पर आखिरी बार 1980 के मास्को ओलंपिक में यह ताज सजा था, तब से लेकर अब तक भारत हॉकी में स्वर्ण जीतने के लिए तरसता रहा है। देखना होगा इस बार उसकी मुराद पूरी होती है या नहीं।

दूसरे सेमीफाइनल में कई बार के चैंपियन भारत और जर्मनी के बीच मुकाबला होगा। / X @TheHockeyIndia

पेरिस ओलंपिक में पुरुषों के हॉकी टूर्नामेंट से 2016 का चैंपियन अर्जेंटीना और 2020 का चैंपियन बेल्जियम दोनों बाहर हो चुके हैं। ऐसे में यह साफ हो गया है कि 2024 के ओलंपिक्स में पुरुष हॉकी वर्ग में एक नया चैंपियन दुनिया को मिलेगा। 

सेमीफाइनल में पहुंचने वाले चार देशों में स्पेन एकमात्र देश है जिसके पास ओलंपिक खिताब नहीं है। 1996 और 2000 के ओलंपिक हॉकी स्वर्ण विजेता नीदरलैंड मंगलवार को स्पेन के साथ मैच में स्वर्ण पदक दौर में तीसरी एंट्री पाने का हरसंभव प्रयास करेगा।

दूसरे सेमीफाइनल में कई बार के चैंपियन भारत और जर्मनी के बीच मुकाबला होगा। भारत ने रिकॉर्ड आठ बार ओलंपिक स्वर्ण जीता है जबकि जर्मनी ने तीन बार 1992, 2008 और 2012 में यह खिताब अपने नाम कर चुका है। 

भारत ने 1960 के रोम ओलंपिक में पाकिस्तान से हारने से पहले, 1928 से लेकर 1956 तक हुए आठ हॉकी टूर्नामेंट में से छह खिताब जीते थे। 1964 में भारत ने टोक्यो ओलंपिक में अपना खोया रुतबा फिर से हासिल कर लिया। हालांकि 1968 में यह ताज फिर उसके हाथ से फिसल गया। 

भारत को इसके बाद फिर से यह खिताब पाने में 12 साल लग गए और 1980 के मास्को ओलंपिक में यह तमगा उसके सिर पर सजा। तब से लेकर अब तक भारत हॉकी में स्वर्ण जीतने के लिए तरसता रहा है। ओलंपिक हॉकी में उसे आखिरी पदक टोक्यो (2020) में मिला था।



अब सेमीफाइनल में भारत का सामना जर्मनी से होना है। जर्मनी इकलौता देश है, जिसने भारत के मॉस्को में टाइटल गंवाने के बाद तीन बार हॉकी का खिताब जीता है। जर्मनी 1992 और फिर 2008 में ओलंपिक चैंपियन बना था। पिछले साल उसने पुरुषों का एफआईएच विश्व कप भी अपने नाम किया था। 

जर्मनी ने ग्रुप मैचों में स्पेन से 0-2 से हारने के बाद अपना प्रदर्शन सुधारते हुए दक्षिण अफ्रीका (5-1), एफआईएच प्रो लीग चैंपियन नीदरलैंड (1-0) और ग्रेट ब्रिटेन को 2-1 से हराया है। उसके बाद उसने क्वार्टर फाइनल में 2016 के चैंपियन अर्जेंटीना को 3-2 से मात दी है। 

वहीं भारत ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ पेनल्टी शूटआउट में 4-2 की शानदार जीत के साथ सेमीफाइनल में पहुंचा है। उसने आखिरी 43 मिनट 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए ग्रेट ब्रिटेन को 1-1 से ड्रॉ पर रोक दिया था। यह जीत अंतरराष्ट्रीय हॉकी और खासकर ओलंपिक हॉकी के इतिहास में अभूतपूर्व है। भारत ने 52 साल बाद ऑस्ट्रेलिया को 3-2 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। भारत ने पिछली बार ऑस्ट्रेलिया को म्यूनिख ओलंपिक में हराया था।

भारत को चिंता है कि उसके विश्वसनीय डीप डिफेंडर और ड्रैग फ्लिक एक्सपर्ट को मंगलवार को जर्मनी के खिलाफ मैदान पर उतरने की अनुमति दी जाएगी या नहीं, जिन्हें ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच के 17वें मिनट में रेड कार्ड दिखाया गया था। आमतौर पर रेड कार्ड का मतलब दो मैचों का निलंबन होता है। चूंकि भारत ने इस मामले में औपचारिक शिकायत की है, इसलिए उसे उम्मीद है कि अमित रोहिदास को जर्मनी के खिलाफ मैच में खेलने दिया जा सकता है।
 
दो यूरोपीय प्रतिद्वंद्वी स्पेन और नीदरलैंड के बीच दूसरा सेमीफाइनल भी काफी रोचक होने की उम्मीद है। स्पेन को अपने पहले ओलंपिक स्वर्ण का इंतजार है जबकि नीदरलैंड 1996 और 2000 में लगातार दो ओलंपिक्स में यह ताज अपने नाम कर चुका है। स्पेन 1996 के फाइनल में नीदरलैंड से हार गया था और 2008 के फाइनल में जर्मनी से नहीं जीत पाया था। 

रविवार को हुए क्वार्टर फाइनल में दो पूर्व ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना (2016) और बेल्जियम (2020) बाहर हो गए। पिछले दो संस्करणों के उपविजेता बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया भी स्वर्ण पदक दौर में जगह बनाने में नाकाम रहे हैं। ऐसे में पुरुष हॉकी को इस सप्ताह के अंत में एक नया ओलंपिक चैंपियन मिलना तय है।

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