पेरिस ओलंपिक में भारत ने रविवार को जो किया, वह किसी चमत्कार से कम नहीं था। आखिरी 43 मिनट में भारत ने न सिर्फ 1988 ओलंपिक्स के चैंपियन ग्रेट ब्रिटेन को 1-1 से ड्रॉ पर रोक दिया बल्कि बाद में पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से रोमांचक जीत दर्ज करके 2024 ओलंपिक के हॉकी टूर्नामेंट सेमीफाइनल में जगह बना ली।
नॉकआउट दौर की शुरुआत विवादित तरीके से हुई। ग्राउंड एंपायर ने 17वें मिनट में भारतीय डीप डिफेंडर अमित रोहिदास को ब्रिटिश खिलाड़ी विलियम कैलनन को हुक करने के आरोप में रेड कार्ड दिखा दिया। स्तब्ध भारतीय खिलाड़ियों ने इसका विरोध किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बावजूद उनका हौसला कम नहीं हुआ।
2020 टोक्यो ओलंपिक खेलों के कांस्य पदक विजेता भारत की बाधाओं से जूझने की भावना ने उसे 22वें मिनट में बढ़त बनाने में मदद की। हरमनप्रीत सिंह ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चौथे पेनल्टी कॉर्नर से गोल कर दिया। इसने ब्रिटेन को हिलाकर रख दिया।
Our boys during the penalty shootout in Quarter-Final at Paris Olympics
— Hockey India (@TheHockeyIndia) August 4, 2024
James Albery scored first for GB
Captain Harmanpreet equalized with a 360 drag to make it 1-1
Zach Wallace scored next for GB making it 2-1
Up stepped Sukhjeet Singh with icy veins and made it 2-2… pic.twitter.com/ZaWs6T3hnU
10 खिलाड़ियों के साथ खेल रही टीम ने अपने भरोसेमंद डिफेंडर के बिना खेलने की चुनौती स्वीकार कर ली थी। गोलकीपर पीआर श्रीजेश और पूर्व कप्तान मनप्रीत सिंह सहित वरिष्ठ खिलाड़ियों की अगुआई में भारतीय टीम ने रक्षात्मक और हमलावर दोनों तरीके अपनाते हुए कप्तान हरमनप्रीत के आसपास तगड़ी घेराबंदी की।
ब्रिटेन ने विरोधियों की कमजोर रक्षापंक्ति का फायदा उठाने के इरादे से अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया। उसे आंशिक सफलता भी मिली। ली मॉर्टन ने स्कोर बराबर कर दिया।
दूसरे हाफ में भारत अधिकतर समय रक्षात्मक भूमिका में रहा। उसने कुछ अच्छे मूव्स उठाए लेकिन अनुभवी डिफेंडर की अनुपस्थिति खलती रही। ग्रेट ब्रिटेन उत्साही भारतीय टीम के ठोस बचाव को तोड़ने की जुगत में लगा रहा। पहले हाफ में पांच पेनल्टी कार्नर गंवाने के बाद तीसरे क्वार्टर में उसने चार पेनल्टी कार्नर हासिल किए।
तीसरे क्वार्टर के अंत में भारत को एक और झटका लगा। अमित रोहिदास को रेड कार्ड दिखाने वाले अंपायर रोजर्स ने अब सुमित को ग्रीन कार्ड दिखा दिया। इससे तीसरे क्वार्टर के अंत और चौथे की शुरुआत में भारतीय टीम नौ खिलाड़ियों तक सिमट गई।
ब्रिटिश खिलाड़ी हालांकि इसका फायदा नहीं उठा सके। चौथे क्वार्टर में ब्रिटेन को कोई पेनल्टी कॉर्नर नहीं मिला। श्रीजेश ने विलियम कैलमैन के गोलवर्ड शॉट को शानदार तरीके से बचाया। खेल 1-1 की बराबरी पर समाप्त हुआ। इसके बाद पेनल्टी शूटआउट लागू किया गया।
ग्रेट ब्रिटेन ने पहले दो प्रयासों में जेम्स एल्बेरी और जैच विलियम्स के जरिए गोल किए। तीसरे में कैनर विलियम्स ने टारगेट के बाहर हिट किया। भारतीय गोलकीपर श्रीजेश ने फिलिप रोपर के शॉट पर शानदार बचाव किया।
हरमनप्रीत ने ब्रिटिश गोलकीपर ओली पेन को छकाकर क्लीन फ्लिक के साथ भारतीय पेनल्टी शूटआउट की अगुआई की। सुखजीत सिंह, ललित उपाध्याय और राजकुमार पाल ने पेनल्टी शूटआउट में कोई गलती नहीं की और भारत को 4-2 से शानदार जीत दिलाई। इस तरह भारत सेमीफाइनल में जगह बनाने में कामयाब रहा।
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष ओलंपियन दिलीप टिर्की का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ को ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल जैसे महत्वपूर्ण मैच में गलत अंपायरिंग के फैसलों को गंभीरता से लेना चाहिए। हालांकि आधिकारिक विरोध दर्ज न कराते हुए उन्होंने कहा कि अंपायरों को ऐसे कड़े फैसले लेने के बारे में दो बार सोचना चाहिए क्योंकि इससे न सिर्फ खेल पर बल्कि पूरी इमेज पर असर पड़ता है।
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