भारतीय मूल के अमेरिकी काश पटेल और तुलसी गबार्ड को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अहम पदों के लिए चुना है। इसी सिलसिले में दोनों कई सीनेटरों से मुलाकातें कर रहे हैं। FPI के डायरेक्टर के लिए नॉमिनेट काश पटेल अपने 'पारदर्शिता' पर केंद्रित एजेंडे के लिए समर्थन जुटा रहे हैं। दूसरी ओर, हवाई की पूर्व डेमोक्रेटिक सांसद और ट्रम्प द्वारा राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (DNI) के लिए नॉमिनेट तुलसी गबार्ड एक अहम चुनौती का सामना कर रही हैं। वह अपनी विदेश नीति के विचारों, खासकर सीरिया और रूस पर अपने विवादास्पद रुख को लेकर रिपब्लिकन सीनेटरों की चिंताओं को दूर करना चाहती हैं।
सीनेटर चक ग्रासली (R-Iowa) ने FBI के नेतृत्व में पारदर्शिता की मांग की है। काश पटेल की मुलाकातें FBI में सुधार के उनके नजरिए पर केंद्रित थीं। जिसमें पारदर्शिता और जवाबदेही पर विशेष जोर दिया गया। ग्रासली ने पटेल से मुलाकात के बाद एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा, 'सरकार के लिए पारदर्शिता सबसे महत्वपूर्ण बात होनी चाहिए। एक पूर्व कांग्रेसी जांचकर्ता के तौर पर, काश समझते हैं कि कांग्रेस के साथ सहयोग करना अनिवार्य है और सूचना देने वालों (whistleblowers) की सुरक्षा जरूरी है।'
पटेल के लिए ग्रासली का समर्थन ट्रम्प के अपने उम्मीदवार पर भरोसे के साथ मेल खाता है। ट्रम्प ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'पटेल वही करेंगे जो वह सही समझते हैं।' पटेल की भ्रष्टाचार से लड़ने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया है। अन्य सीनेटरों ने भी पटेल का समर्थन किया। सीनेटर जोनी अर्नस्ट ने एक ट्वीट में कहा, 'काश पटेल FBI में बहुत जरूरी पारदर्शिता लाएंगे... और सरकारी कर्मचारियों को अमेरिकी लोगों की ओर से काम करने के लिए प्रेरित करेंगे।'
अर्नस्ट से मुलाकात के बाद पटेल ने भी इसी भावना को दोहराते हुए लिखा, 'FBI को सुधार लागू करने के लिए साहसी नेतृत्व की जरूरत है और सीनेटर अर्नस्ट वह भागीदार हैं।'
सीनेटर शेली मूर कैपिटो ने पटेल के साथ अपनी मुलाकात की सराहना करते हुए कहा, 'हमने विभाग की वर्तमान स्थिति, उनके नेतृत्व के दृष्टिकोण और देश की सुरक्षा को बनाए रखने की हमारी साझा प्राथमिकताओं, खासकर क्लार्क्सबर्ग, WV में किए जा रहे महत्वपूर्ण काम पर चर्चा की।' पटेल ने सीनेट इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष सीनेटर जॉन कॉर्निन (R-टेक्सास) से भी FISA सुधारों पर चर्चा की। सीनेटर माइक ली (R-यूटा) ने पटेल के नेतृत्व के बारे में उत्साह व्यक्त करते हुए इसे कानून और व्यवस्था के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता बताया।
गबार्ड ने विदेश नीति की चिंताओं को संबोधित किया
तुलसी गबार्ड की पिछली टिप्पणियों और कार्यों ने सीनेट रिपब्लिकन का ध्यान खींचा है। बता दें कि 2017 में सीरिया की यात्रा के दौरान उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति बशर अल-असद को अमेरिका का 'दुश्मन' नहीं बताया था। सीनेटर शेली मूर कैपिटो (R-W.Va.) ने कहा कि बहुत सारे सवालों के जवाब देने की जरूरत है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गबार्ड को अपने रुख पर और स्पष्टीकरण देने की जरूरत है।
हालांकि, गबार्ड को सीनेटर मार्कवेन मुलिन (R-ओक्ला) से समर्थन मिला। मुलिन ने तुलसी की सैन्य सेवा की सराहना की। मुलिन ने कहा, 'मेरा मानना है कि वह जानती हैं कि उन्हें क्या करना है। वह उस पद पर बहुत अच्छी रहेंगी।'
सीनेटर डैन सुलिवान (R-अलास्का) ने तुलसी गबार्ड की सैन्य पृष्ठभूमि की आलोचनाओं को 'बकवास' बताते हुए उनकी मौजूदा टॉप सीक्रेट क्लीयरेंस पर प्रकाश डाला। अपनी चिंताओं को दूर करते हुए गबार्ड ने 'शक्ति के माध्यम से शांति' के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया। वैश्विक संघर्षों को कम करने में पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प के नेतृत्व की प्रशंसा की। गबार्ड और पटेल दोनों के सामने अपनी नियुक्ति की पुष्टि के लिए कठिन पड़ाव है। इसलिए सीनेट की सुनवाई से पहले अपना पक्ष मजबूत करने के लिए वे कैपिटल हिल में अपनी मुलाकातों पर जोर दे रहे हैं।
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