ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के दूसरे दिन शुक्रवार को ग्लोबल सस्टेनेबेलिटी को आगे बढ़ाने में भारतीय डायस्पोरा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया।
सम्मेलन के दौरान 'ग्रीन कनेक्शन्स: द इंडियन डायस्पोरा कंट्रीब्यूशन टू सस्टेनेबल डेवलपमेंट' विषयक पैनल चर्चा का आयोजन किया गया। इस दौरान ग्लोबल लीडर्स और विशेषज्ञों ने दुनिया भर में हरित विकास और सतत विकास को आगे बढ़ाने में प्रवासियों की अहमियत और तरीकों पर मंथन किया।
भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक (सीएमडी) प्रदीप कुमार दास द्वारा संचालित इस परिचर्चा का मुख्य उद्देश्य विश्व में हरित ऊर्जा को अपनाने में भारत की अग्रणी भूमिका था।
सत्र की अध्यक्षता करते हुए रेल, सूचना, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 2030 के लिए भारत के महत्वाकांक्षी अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि इन लक्ष्यों में देश में कुल ऊर्जा उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा का हिस्सा 50 प्रतिशत करना, हाइड्रोजन ट्रेनों जैसी अत्याधुनिक स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों में आत्मनिर्भरता हासिल करना और व्यापक सतत ऊर्जा मूल्य श्रृंखला स्थापित करना प्रमुख हैं।
परिचर्चा में मॉरीशस, नॉर्वे, मैक्सिको, वियतनाम, स्विट्जरलैंड, नाइजीरिया, श्रीलंका व कनाडा के प्रतिनिधियों के अलावा ओडिशा के उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव और सांसद सुजीत कुमार सहित प्रतिष्ठित वैश्विक अतिथियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि भारतीय प्रवासी किस तरह वैश्विक स्तर पर सतत विकास को बढ़ावा देने में नई तकनीक, रणनीतिक निवेश और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का लाभ उठा सकते हैं।
इस दौरान सस्टेनेबल इनोवेशन में प्रवासी भारतीयों के निवेश की संभावनाओं को भी खंगाला गया और भारतीय स्टार्टअप्स के साथ उनके सहयोग को नए स्तर तक ले जाने के तरीकों पर विचार विमर्श किया गया। कृषि, रियल एस्टेट, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और एमएसएमई जैसे क्षेत्रों में हरित प्रौद्योगिकियों के भविष्य से लेकर सतत विकास में हिस्सेदारी बढ़ाने पर भी मंथन किया गया।
अश्विनी वैष्णव ने प्रौद्योगिकी, नवाचार और हरित कौशल विकास में वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सस्टेनेबल फ्यूचर को आकार देने में भारतीय प्रवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
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