पेन स्टेट यूनिवर्सिटी ने दो भारतीय अमेरिकी पूर्व छात्र दिवाकर रामकृष्णन और विट्ठल शिरोडकर को उनके पेशेवर योगदान के लिए साल 2025 के आउटस्टैंडिंग इंजीनियरिंग अलुमनी अवार्ड से सम्मानित किया है। यह पुरस्कार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
एक भव्य समारोह में 21 पूर्व छात्रों को यह पुरस्कार दिया गया जिनमें रामकृष्णन और शिरोडकर भी शामिल थे। रामकृष्णन ने 1997 में पेन स्टेट से केमिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की उपाधि हासिल की थी।
ये भी देखें - भारतीय-अमेरिकी डॉ. शबाना परवेज को मिला प्रतिष्ठित 'पॉल हैरिस फेलो अवार्ड'
रामकृष्णन इस वक्त कॉन्वेटेक कंपनी के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट, चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर और रिसर्च एंड डेवलपमेंट हेड हैं। 2020 के बाद से उन्होंने 8 प्रमुख उत्पादों को लॉन्च करने में अहम भूमिका निभाई है। 25 साल से अधिक के करियर में उन्होंने एलि लिली और मॉडर्ना जैसी कंपनियों में अहम भूमिकाएं निभाई हैं।
विट्ठल शिरोडकर ने पेन स्टेट से 1997 में बैचलर और 2000 में मास्टर डिग्री प्राप्त की थी। इस वक्त वह गूगल के वाइस प्रेसिडेंट और जनरल मैनेजर के रूप में गूगल डिस्ट्रीब्यूटेड क्लाउड इनिशिएटिव की अगुआई कर रहे हैं। यह ग्राहकों के लिए एडवांस्ड एआई मॉडल्स पेश करती है।
विट्ठल इससे पहले ओरेकल और अमेजन वेब सर्विसेज में भी अहम भूमिकाएं निभा चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने 7 साल तक पेन स्टेट के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस इंडस्ट्रियल एडवाइजरी काउंसिल में भी योगदान दिया है।
पेन स्टेट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की डीन टोन्या एल. पीपल्स ने कहा कि ये पुरस्कार विजेता असल दुनिया की समस्याओं का समाधान करने वाले इनोवेशन, दूसरों को प्रेरित करने वाली लीडरशिप और अपने करियर में अहम मुकाम हासिल करने वालों के समर्पण का प्रतीक है।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login