पूरे अमेरिका और दुनिया भर की निगाहें फिलाडेल्फिया पर लगी हैं। यह जगह अमेरिकी स्वतंत्रता की जन्मस्थली, सिटी ऑफ ब्रदरली लव और काल्पनिक मुक्केबाज 'रॉकी' बाल्बोआ का होमटाउन है।
लेकिन पेंसिलवेनिया का फिलाडेल्फिया शहर इस वक्त इतिहास के लिए नहीं बल्कि अमेरिका के भविष्य और राष्ट्रपति चुनाव के दो प्रमुख उम्मीदवार कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच पहली सीधी डिबेट को लेकर चर्चा में है। माना जा रहा है कि इस डिबेट के विजेता को आगामी 5 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में बढ़त मिल सकती है।
हैरिस और ट्रम्प व्यक्तिगत रूप से पहले कभी नहीं मिले हैं, लेकिन अब एबीसी न्यूज की तरफ से आयोजित 90 मिनट की डिबेट के लिए ईटी समयानुसार 9 बजे (0100 जीएमटी) पर आमने सामने होंगे और नीतियों, अमेरिकी भविष्य और अन्य मुद्दों पर एकदूसरे का मुकाबला करेंगे।
एक तरफ चैनल के ऑफिस में इस हाईवोल्टेज डिबेट की तैयारियां चल रही हैं, वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने भी संभावित विरोध प्रदर्शनों का मुकाबला करने के लिए तैयारी कर ली है। आशंका है कि डिबेट के दौरान फिलिस्तीनी समर्थकों विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं, जो उनके द्वारा इजरायल के निरंतर समर्थन से नाराज हैं।
पुलिस ने डिबेट की जगह नेशनल कॉन्स्टिट्यूशन सेंटर के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी है। लिबर्टी बेल और इंडिपेंडेंस हॉल तक आम लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। इधर, शहर के कई बार और विश्वविद्यालयों ने वॉच पार्टी की योजना बनाई है। शीर्ष डेमोक्रेट नेता एक होटल में वॉच पार्टी के लिए जमा होंगे जहां डिबेट के बाद हैरिस के आने की उम्मीद है। बहस के बाद ट्रम्प क्या करेंगे, ये अभी साफ नहीं है।
फिलाडेल्फिया के निवासियों में भी इस डिबेट को लेकर खासा उत्साह है। कई लोगों का कहना है कि वे हैरिस के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं। फिलाडेल्फिया सेल्सवर्कर डैन बेसलर ने कहा कि मैं 2020 में उनसे बहुत प्रभावित नहीं था, जब उन्होंने पहली बार चुनावी बहस की थी। लेकिन वह एक प्रॉसिक्यूटर रही हैं, मुझे लगता है कि वह बाइडेन के मुकाबले बेहतर पकड़ बना पाएंगी।
जून में ट्रम्प के खिलाफ राष्ट्रपति जो बाइडेन की एक निराशाजनक डिबेट ने उनके राजनीतिक करियर को खत्म कर दिया था। लगातार आलोचनाओं के बाद बाइडेन ने रेस से हटते हुए हैरिस को कमान सौंप दी थी। इसके बाद से पार्टी में नया उत्साह आ गया है। हैरिस ने फंडिंग में रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login