अमेरिका यात्रा के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग द्वारा न्यूयॉर्क में आयोजित एक गोलमेज सम्मेलन में विश्व प्रौद्योगिकी उद्योग के नेताओं से मुलाकात की।
आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI), क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक्नोलॉजी, लाइफ साइंसेज और सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकियों से जुड़ी चर्चाओं पर केंद्रित गोलमेज सम्मेलन ने तेजी से विकसित हो रहे वैश्विक तकनीकी परिदृश्य पर प्रकाश डाला।
Addressing the tech CEOs' roundtable in New York.https://t.co/dMqsJpP1DE
— Narendra Modi (@narendramodi) September 23, 2024
बैठक के दौरान सीईओ ने चर्चा की कि कैसे इन अत्याधुनिक क्षेत्रों में हो रही प्रगति उद्योगों के भविष्य को आकार दे रही है और वैश्विक तथा भारत दोनों में सामाजिक कल्याण में योगदान दे रही है। गोलमेज बैठक से स्पष्ट हुआ कि किस तरह प्रौद्योगिकी नवाचार वैश्विक अर्थव्यवस्था में क्रांति ला रहे हैं और मानव विकास को बढ़ावा दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के सुविधाजनक आयोजन के लिए MIT स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग और उसके डीन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (ICET) पहल सहित प्रौद्योगिकी में सहयोग भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी की आधारशिला है।
इस दृष्टिकोण के अनुरूप मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाए।
प्रतिभागियों को भारत की विकास गाथा का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए मोदी ने सीईओ से भारत में प्रौद्योगिकियों के सह-विकास, सह-डिज़ाइन और सह-उत्पादन का आग्रह किया। उन्होंने बौद्धिक संपदा की रक्षा करने और तकनीकी नवाचार के माहौल को बढ़ावा देने के लिए भारत के समर्पण पर जोर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कंपनियां भारत के विस्तारित आर्थिक और तकनीकी परिदृश्य से लाभ उठा सकें।
प्रधानमंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विनिर्माण, सेमीकंडक्टर, बायोटेक और हरित विकास जैसे क्षेत्रों में भारत के प्रगति-परिवर्तन को प्रौद्योगिकी नायकों के सामने रखा। उन्होंने भारत को सेमीकंडक्टर विनिर्माण के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के सरकार के लक्ष्य की पुष्टि की।
इसके अतिरिक्त पीएम मोदी ने भारत की BIO E3 नीति पर चर्चा की जिसका उद्देश्य देश को बायोटेक पावरहाउस बनाना है और AI के प्रति भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित किया जो इसकी 'सभी के लिए AI' नीति के तहत नैतिक और जिम्मेदार उपयोग पर केंद्रित है।
प्रौद्योगिकी नेताओं ने वैश्विक प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में देश के उभरने की सराहना करते हुए भारत में अपना निवेश बढ़ाने में गहरी रुचि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत की नवाचार-अनुकूल नीतियां और संपन्न बाजार भविष्य के सहयोग के लिए जबरदस्त संभावनाएं प्रदान करते हैं। खासकर स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में जहां नई प्रौद्योगिकियों को विकसित किया जा सकता है और वैश्विक स्तर पर बढ़ाया जा सकता है।
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