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पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा, अहमियत और आशाएं

उम्मीद की जा रही है कि भारत-अमेरिका के संबंध इस दौर में और आगे बढ़ेंगे। इसी क्रम में इसी माह भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर आने वाले हैं। इसकी घोषणा स्वयं राष्ट्रपति ट्रम्प ने की है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी / X@narendramodi

अमेरिका में पिछले महीने आधिकारिक तौर पर निजाम बदल गया है। बतौर राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की दूसरी पारी का आगाज हो गया है। सत्ता संभालने के इन दो सप्ताह में राष्ट्रपति ट्रम्प के कई फैसले भारत और दुनिया के लिहाज से हलचल पैदा करने वाले रहे हैं। ऐसा स्वाभाविक ही था। ट्रम्प अपने एजेंडे पर हैं। इस पारी में उनके सबसे बड़े 'मित्र बनकर उभरे' दुनिया के दिग्गज कारोबारी इलोन मस्क ट्रम्प प्रशासन का हिस्सा हैं। इस दूसरी पारी में ट्रम्प की मस्क के साथ जुगलबंदी दुनिया के तमाम देशों के लिए आने वाले बरसों में कई रंग दिखाने वाली है। जहां तक परस्पर संबंधों की बात है तो भारत और अमेरिका के संबंध बीते कुछ वर्षों में लगातार मजबूत हुए हैं। ट्रम्प अमेरिका फर्स्ट के एजेंडे के साथ सत्ता में लौटे हैं लिहाजा उनकी प्राथमिकताएं घोषित हैं, लेकिन फिर उम्मीद की जा रही है कि भारत-अमेरिका के संबंध इस दौर में और आगे बढ़ेंगे। इसी क्रम में संभवत: इसी माह भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर आने वाले हैं। इसकी घोषणा स्वयं राष्ट्रपति ट्रम्प ने की है। लिहाजा, एक बार फिर एक बड़े शो को लेकर उलटी गिनती शुरू हो गई है। तारीखों का ऐलान जल्द हो सकता है।

यही नहीं, उधर भारत को भी राष्ट्रपति ट्रम्प की यात्रा के लिए अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसका अवसर बनेगा क्वाड शिखर सम्मेलन। क्वाड देशों (अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान व भारत का संगठन) के शीर्ष नेताओं की अगली बैठक भारत में होने वाली है। हालांकि भारत ने अभी इस सम्मेलन की तारीख घोषित नहीं की है लेकिन कुछ समय पहले चर्चा थी कि संभवत: जुलाई-अगस्त, 2025 में शिखर सम्मेलन की तारीख तय की जा सकती है। ऐसे में यह पहला मौका होगा जब पद संभालने के पहले वर्ष के भीतर कोई अमेरिकी राष्ट्रपति भारत की यात्रा करेंगे। सत्ता संभालने के पहले साल में ही यदि ट्रम्प भारत जाते हैं तो यह भी अपने आप में एक इतिहास होगा क्योंकि ऐसा करने वाले वे पहले राष्ट्रपति बन जाएंगे। ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल के अंतिम वर्ष 2020 में भारत की यात्रा की थी। उस यात्रा में खूब 'रंग जमा' था। 'नमस्ते ट्रम्प' कार्यक्रम के जरिये पूरी दुनिया ने प्रिय मित्र वाली ट्रम्प-मोदी दोस्ती को देखा था।

बहरहाल, इस महीने होने वाली मोदी की अमेरिका यात्रा उनकी पिछली यात्राओं से कुछ अलग है। इसलिए कि बाइडन युग में अमेरिकी प्रशासन की नीतियां अलग थीं और ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में नीतियां कुछ और होने वाली हैं। वीजा और स्थायी नागरिकता के मुद्दे भारत के लिहाज से अत्यधिक मायने रखते हैं। इन मुद्दों पर ट्रम्प हुकूमत अपना रुख साफ करते हुए आगे बढ़ रही है। दिलचस्प यह है कि ट्रम्प ने अवैध प्रवासियों के मुद्दे वाली गेंद यह कहकर भारत के ही पाले में डाल दी है कि इस मामले में पीएम मोदी वही करेंगे जो 'सही' होगा। हालांकि H1-B कार्यक्रम को लेकर रुख में कुछ नरमी तो है लेकिन एजेंडे से कोई समझौता नहीं है। हाल में पीएम मोदी की राष्ट्रपति ट्रम्प से फोन-वार्ता भी हुई। उस बातचीत में भी ट्रम्प ने भारत के साथ 'उचित व्यापार' के साथ आगे बढ़ने की बात की है। लिहाजा पीएम मोदी की आगामी अमेरिका यात्रा भारत के लिहाज से आशाओं से भरी है और कुछ नीतिगत मसलों पर दूरगामी नतीजे देने वाली होगी। 

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