भारतीय शहर प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में आज भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने त्रिवेणी घाट में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान पीएम मोदी का अंदाज काफी अलग नजर आया। पीएम मोदी हाथ और गले में रुद्राक्ष की माला में दिखे। गंगा मां में डुबकी लगाने के बाद मोदी ने काफी देर तक नदी में खड़े होकर ध्यान लगाया और मां गंगा की पूजा की। इससे पहले 2019 में भी अर्धकुंभ के मौके पर भी पीएम मोदी ने प्रयागराज में गंगा मां में डुबकी लगाई थी।
उत्तर प्रदेश के शहर प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत 14 जनवरी को हुई थी। हिंदुओं का यह पवित्र त्योहार और मेला 26 फरवरी तक चलेगा। हिंदुओं का यह मेगा उत्सव हर 12 साल में होता है। अब तक प्रयागराज महाकुंभ में करोड़ों भक्त गंगा मां में डुबकी लगा चुके हैं।
पीएम मोदी ने गंगा नदी में बोटिंग भी की
प्रयागराज पहुंचे पीएम मोदी अलग अंदाज में नजर आए। उनहोंने भगवा रंग की टोपी पहनी हुई थी। हाथ और गले में रुद्राक्ष की माला धारण की हुई थी। संगम के सबसे पवित्र स्थल त्रिवेणी घाट पर पीएम मोदी ने काफी देर तक ध्यान भी लगाया। त्रिवेणी घाट गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम स्थल माना जाता है। डुबकी लगाने के बाद पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ बोटिंग का भी आनंद लिया।
Blessed to be at the Maha Kumbh in Prayagraj. The Snan at the Sangam is a moment of divine connection, and like the crores of others who have taken part in it, I was also filled with a spirit of devotion.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 5, 2025
May Maa Ganga bless all with peace, wisdom, good health and harmony. pic.twitter.com/ImeWXGsmQ3
महाकुंभ में नदी में डुबकी लगाने की खास मान्यता
हिंदुओं की मान्यता है कि जो लोग इन खास मौकों जैसे अर्ध कुंभ (हर 6 साल में आयोजित होने वाला मेला) और महाकुंभ (हर 12 साल में लगने वाला महामेला) में नदी में डुबकी लगाते हैं, वे मोक्ष को प्राप्त होते हैं और सभी पापों को धोने के बाद पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिल जाती है।
भारत ही नहीं विदेशों से भी कई श्रद्धालु पहुंच रहे
महाकुंभ की भव्यता इतनी अनोखी और अपार है कि सिर्फ भारत ही नहीं विदेशों से भी भक्तगण महाकुंभ में पहुंच रहे हैं। आयोजकों का कहना है कि कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की व्यवस्था के लिए व्यापक इंतेजाम किए गए हैं। व्यवस्था इतनी चाक-चौबंद है कि यह एक अस्थायी देश चलाने जैसा है। आयोजकों का दावा है कि इस बार महाकुंभ में कम से कम 400 मिलियन तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है, अब तक करोड़ों लोग यहां पहुंच चुके हैं।
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