भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी आगामी श्रीलंका यात्रा के दौरान लंबे समय से लंबित सौर ऊर्जा परियोजना के निर्माण कार्य की शुरुआत करेंगे। यह जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय के सचिव विक्रम मिश्री ने शुक्रवार को दी।
मिश्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा डिसानायके 5 अप्रैल को एक वर्चुअल ग्राउंडब्रेकिंग सेरेमनी में शामिल होंगे। इस दौरान दोनों नेता श्रीलंका के उत्तर-पूर्वी तटीय जिले त्रिंकोमाली में संयुक्त रूप से विकसित की जाने वाली 120-मेगावॉट की सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन करेंगे। यह परियोजना कई वर्षों से रुकी हुई थी, लेकिन भारत ने इसे एक द्विपक्षीय ऊर्जा सहयोग परियोजना के रूप में समर्थन दिया है।
मिश्री ने नई दिल्ली में पत्रकारों से कहा, "यह कई मायनों में भारत-श्रीलंका साझेदारी में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा" । उन्होंने आगे बताया कि दोनों नेता ऊर्जा कनेक्टिविटी, डिजिटलीकरण, रक्षा, स्वास्थ्य और बहु-क्षेत्रीय अनुदान सहायता से संबंधित कई समझौतों (MoUs) के आदान-प्रदान का भी साक्षी बनेंगे।
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चीन-भारत प्रतिस्पर्धा के बीच श्रीलंका की कूटनीति
प्रधानमंत्री मोदी अपनी दो दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन श्रीलंकाई राजधानी कोलंबो से इस वर्चुअल समारोह में शामिल होंगे। हालांकि, इस परियोजना की कुल लागत का अभी तक खुलासा नहीं किया गया है।
मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब श्रीलंका भारत और चीन के बीच कूटनीतिक संतुलन साधने की कोशिश कर रहा है। श्रीलंका के सबसे बड़े ऋणदाता चीन का इस द्वीप राष्ट्र पर प्रभाव बढ़ता जा रहा है, जिससे भारत चिंतित है। मोदी 4 अप्रैल को थाईलैंड में एक क्षेत्रीय सम्मेलन में भाग लेने के बाद कोलंबो पहुंचेंगे। वे श्रीलंका की नव-निर्वाचित वामपंथी सरकार के कार्यकाल में आने वाले पहले विदेशी शासनाध्यक्ष होंगे।
श्रीलंका के अधिकारियों के मुताबिक, मोदी और डिसानायके 6 अप्रैल को ऐतिहासिक बौद्ध तीर्थस्थल अनुराधापुर की यात्रा भी करेंगे। राष्ट्रपति दिसानायके ने अपने कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा दिसंबर 2024 में भारत से शुरू की थी, जबकि उन्होंने जनवरी 2025 में चीन का दौरा भी किया था। यह श्रीलंका की रणनीतिक कूटनीति को दर्शाता है, जहां वह दो क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धियों – भारत और चीन के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
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