भारत अपने केंद्रीय बजट 2025-26 की तैयारी कर रहा है। यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) के तहत एक प्रमुख वकालत मंच यूएस-इंडिया टैक्स फोरम ने देश की आर्थिक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने के लिए कुछ सिफारिशों की एक रूपरेखा तैयार की है।
वित्त मंत्रालय को प्रस्तुत की गई ये सिफारिशें कर नीतियों को सरल बनाने, विदेशी निवेश को आकर्षित करने और विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा तथा नवीकरणीय ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं।
PRESS RELEASE
— US-India Strategic Partnership Forum (@USISPForum) January 15, 2025
As India gears up for the Union Budget 2025-26, the US-India Tax Forum—USISPF’s dedicated tax policy group—has submitted a comprehensive set of recommendations to bolster India’s global economic competitiveness.
USISPF extends its sincere gratitude to the… pic.twitter.com/MTllDYwfDT
200 से अधिक सदस्य कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले टैक्स फोरम ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कराधान में महत्वपूर्ण सुधारों की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
प्रमुख प्रस्तावों में स्रोत पर कर कटौती (TDS) व्यवस्था का सरलीकरण, विदेशी बैंक कराधान को घरेलू दरों के साथ संरेखित करना और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के लिए लाभांश पर रियायती 10 प्रतिशत कर दर पेश करना शामिल है। फोरम ने वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में अपनी अपील बढ़ाने के लिए गिफ्ट सिटी में शेयरधारकों के लिए कर छूट का भी प्रस्ताव रखा।
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए सिफारिशों में जीवन रक्षक दवाओं पर कम शुल्क और रोगी सहायता कार्यक्रमों के तहत कुछ दवाओं के लिए छूट जारी रखने का आह्वान किया गया है।
नवीकरणीय ऊर्जा के लिहाज से फोरम निर्माताओं के लिए लक्षित प्रोत्साहन और स्थिरता व नवाचार को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए समर्थन व्यक्त किया गया है।
यूएस-इंडिया टैक्स फोरम के अध्यक्ष तरुण बजाज ने इन उपायों के महत्व पर जोर दिया है और कहा है कि केंद्रीय बजट 2025-26 भारत के लिए कर संरचना को सरल बनाने, निवेशकों का विश्वास बढ़ाने और प्रमुख उद्योगों में सतत विकास को बढ़ावा देने वाले साहसिक सुधारों को लागू करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
सिफारिशें अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होने और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए सीमा शुल्क टैरिफ संरचना को त्रि-स्तरीय प्रणाली में सुव्यवस्थित करने पर भी ध्यान केंद्रित करती हैं।
इसके अलावा फोरम ने डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं के लिए कर नीतियों को आधुनिक बनाने का प्रस्ताव रखा है जिसमें विदेशी कंपनियों के लिए कर रिटर्न फॉर्म को सरल बनाना और समकारी लेवी के लिए रिफंड तंत्र शुरू करना शामिल है।
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