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इलिनोइस यूनिवर्सिटी के प्रो. प्रशांत जैन को क्रेवर पुरस्कार, कोबलेंट्ज़ सोसायटी का ऐलान

प्रशांत जैन को कंपन स्पेक्ट्रोस्कोपी में उनके योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है। 5 से 10 अक्टूबर तक नॉर्थ केंटकी में होने वाली SciX कॉन्फ्रेंस में उन्हें ये पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। 

प्रशांत जैन इलिनोइस यूनिवर्सिटी अर्बाना शैंपेन के प्रोफेसर हैं।  / courtesy photo

कोबलेंट्ज़ (Coblentz) सोसाइटी ने प्रोफेसर प्रशांत के. जैन को साल 2025 के क्रेवर पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है। प्रो. जैन इलिनोइस यूनिवर्सिटी अर्बाना शैंपेन के प्रोफेसर हैं। 

प्रशांत जैन को कंपन स्पेक्ट्रोस्कोपी में उनके योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है। 5 से 10 अक्टूबर 2025 तक नॉर्थ केंटकी के नॉर्थ केंटकी कन्वेंशन सेंटर में होने वाली SciX कॉन्फ्रेंस में उन्हें ये पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। 

प्रशांत जैन इलिनोइस विश्वविद्यालय में फिजिक्स केमिस्ट्री साइस के जीएल क्लार्क प्रोफेसर हैं। वह नैनोस्केल लाइट मैटर इंटरैक्शन और एनर्जी कन्वर्जन पर शोध करते हैं। उनके कार्यों ने ग्राउंडब्रैकिंग खोजों का आधार तैयार किया है, जिसमें क्वांटम डॉट्स और प्लास्मोनिक रेडॉक्स कटैलिसीस में प्लास्मोन रेसोनेंस शामिल हैं। 

प्रो. जैन ने 120 से अधिक साइंटिफिक पेपर लिखे हैं। उन्हें 34 हजार से अधिक साइटेशन मिल चुके हैं। क्लेरिवेट एनालिटिक्स और एल्सेवियर स्कोपस ने उन्हें अत्यधिक साइटेस रिसर्चर के रूप में मान्यता प्रदान की है।

उन्हें साइंस एंड इंजीनियरिंग में राष्ट्रपति का अर्ली कैरियर पुरस्कार, गुगेनहाइम फैलोशिप, लियो हेंड्रिक बैकलैंड पुरस्कार, एसीएस कावली इमर्जिंग लीडर इन केमिस्ट्री अवार्ड, एसीएस एक्रोन अवार्ड जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं। 

इसके अलावा एसीएस यूनिलीवर अवार्ड द बील्बी मेडल, स्लोन फैलोशिप, एनएसएफ कैरियर अवॉर्ड और एमआईटी टीआर 35 इन्वेंटर और बेकमैन यंग इन्वेस्टिगेटर के रूप में भी मान्यता मिली है।

प्रशांत जैन ने जॉर्जिया टेक से फिजिक्स केमिस्ट्री साइंस में एमए अल-सईद के अंडर में पीएचडी की है। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में पोस्ट डॉक्टरल फेलोशिप पूरी की है। इलिनोइस विश्वविद्यालय में आने से पहले वह यूसी बर्कले में मिलर फेलो थे। 

कोबलेंट्ज़ सोसाइटी ने युवा पेशेवरों को मान्यता प्रदान करने के लिए साल 2007 में क्रेवर अवार्ड की स्थापना की थी। इस पुरस्कार का नाम क्लारा डी क्रेवर के सम्मान में रखा गया है, जो इन्फ्रारेड वाइब्रेशनल स्पेक्ट्रोस्कोपी की लीडर हैं। 

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