इम्पीरियल कॉलेज लंदन के प्रोफेसर्स वलजीत ढिल्लो और अजीम मजीद को नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर रिसर्च (NIHR) ने सीनियर इन्वेस्टिगेटर बनाया है। ये उनके मेडिकल रिसर्च में कामयाबी का इनाम है। NIHR के सीनियर इन्वेस्टिगेटर का हेल्थ और केयर रिसर्च में बड़ा योगदान होता है। ये सरकारी पॉलिसी में भी अपनी भूमिका अदा करते हैं। नए रिसर्चर्स को गाइड करते हैं और नई-नई खोजों को बढ़ावा देते हैं। साथ ही, ये NIHR की कमेटियों में भी काम करते हैं। साथ ही रिसर्च में मरीजों और आम लोगों की भागीदारी को सुनिश्चित करते हैं।
स्ट्रेटेजी, रिसर्च और इनोवेशन के डायरेक्टर प्रोफेसर बॉब क्लेबर ने इन नियुक्तियों की तारीफ करते हुए कहा, 'प्रोफेसर ढिल्लो और प्रोफेसर मजीद का NIHR सीनियर इन्वेस्टिगेटर बनना उनकी मेहनत और उनके खास फील्ड में कामयाबी का साफ सबूत है। इन दोनों का काम न सिर्फ हमारे साइंस के ज्ञान को बढ़ाता है, बल्कि मरीजों को भी सीधा फायदा पहुंचाता है। ये दोनों इस बड़े सम्मान के बिल्कुल लायक हैं।'
प्रोफेसर ढिल्लो इम्पीरियल कॉलेज लंदन में कंसल्टेंट एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म के प्रोफेसर हैं। वो मेडिसिन और इंटीग्रेटेड केयर डिवीजन में रिसर्च लीड करते हैं। साथ ही, वो NIHR अकादमी के डीन और रिसर्च कैपेसिटी और कैपेबिलिटी के लिए NIHR के साइंटिफिक डायरेक्टर भी हैं।
प्रोफेसर ढिल्लो ने कहा, 'मुझे NIHR सीनियर इन्वेस्टिगेटर बनाए जाने की बहुत खुशी है, लेकिन ये सम्मान मेरी उस शानदार टीम का प्रतिबिंब है जिसके साथ मैं मिलकर रिसर्च करता हूं।' प्रोफेसर मजीद ट्रस्ट में ऑनरेरी कंसल्टेंट इन पब्लिक हेल्थ और इम्पीरियल कॉलेज लंदन में प्राइमरी केयर एंड पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के हेड हैं। वो एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज के फेलो भी हैं। वो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के साथ काम करते हैं और लंदन के क्लैपहम में एक प्रैक्टिसिंग GP भी हैं।
क्रॉनिक बीमारियों के मैनेजमेंट, हेल्थ पॉलिसी और हेल्थकेयर में डेटा के इस्तेमाल पर मजीद की रिसर्च ने कई अहम पॉलिसीज को प्रभावित किया है, जिसमें बीमारियों से बचाव और NHS वर्कफोर्स डेवलपमेंट शामिल हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान, उनकी एक्सपर्टाइज ने पब्लिक हेल्थ मैसेजिंग को आकार देने में मदद की।
प्रोफेसर मजीद ने कहा, 'मुझे NIHR सीनियर इन्वेस्टिगेटर नियुक्त किए जाने का सम्मान है। यह सम्मान प्राइमरी केयर और पब्लिक हेल्थ रिसर्च की आबादी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और स्वास्थ्य असमानताओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।'
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login