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राहुल गांधी का प्रवासी भारतीयों से आह्वान : भारत-अमेरिका में दूरी मिटाएं, आप हमारे राजदूत

कांग्रेस नेता ने अमेरिका और अपनी मातृभूमि दोनों में योगदान के लिए प्रवासी भारतीयों की सराहना की।

राहुल गांधी डलास में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए। / Whatsapp/RahulGandhi

भारतीय संसद में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि वे भारत और अमेरिका के बीच एक महत्वपूर्ण पुल के रूप में कार्य करें। राहुल गांधी ने प्रवासी भारतीयों को राजदूत बताया। 

8 सितंबर को डलास, टेक्सास में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए गांधी ने सम्मान, विनम्रता और प्रेम के साझा मूल्यों पर प्रकाश डालते हुए दोनों लोकतंत्रों के बीच मजबूत संबंध बनाने में प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

भारत और अमेरिका के बीच आपसी समझ और सहयोग बनाने में प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए राहुल ने कहा कि आपके दिल के अंदर सम्मान है, प्यार है, विनम्रता है और आप एक तरह से हमारे राजदूत हैं। आप इन दो संघों- संयुक्त राज्य अमेरिका और राज्यों के संघ (भारत) के बीच पुल हैं जो हमारे संविधान में लिखा है। 

राहुल गांधी का 8 सितंबर को डलास अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर स्वागत किया गया था। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत ओणम और गणेश चतुर्थी की शुभकामनाओं के साथ की। उन्होंने प्रेम, सम्मान और विनम्रता के मूल्यों को लेकर कहा कि भारतीय राजनीति में ये आवश्यक हैं।

अधिक समावेशी और दयालु भारत के लिए अपने दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी भूमिका सिर्फ सरकार का विरोध करने तक सीमित नहीं, उससे कहीं अधिक व्यापक और बड़ी है। यह हमारी राजनीतिक व्यवस्था में इन मूल्यों को शामिल करने के बारे में है।

उन्होंने भारतीय और अमेरिकी संविधानों के बीच समानताओं के बारे में कहा कि दोनों संविधान राज्यों के एक संघ के विचार पर बने हैं जहां कोई भी राज्य, धर्म या भाषा दूसरे से श्रेष्ठ नहीं है। समानता और एकता के मूल सिद्धांतों को रेखांकित करते हुए गांधी ने कहा कि हम एक और बहुत महत्वपूर्ण तथ्य साझा करते हैं: कि हम दोनों राज्यों का संघ हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रगान हमने भी बजाया है और हमारे संविधान में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इंडिया जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ है।

राहुल गांधी के भाषण में उस समय आलोचनात्मक स्वर आया जब उन्होंने भारत में वर्तमान राजनीतिक माहौल पर चर्चा की। उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि भाजपा की कार्रवाई भारत की विविध परंपराओं, भाषाओं और इतिहास पर हमला है। उन्होंने भाजपा के वैचारिक जनक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जिक्र करते हुए कहा कि आरएसएस का मानना ​​​​है कि भारत एक विचार है और हमारा मानना ​​​​है कि भारत विचारों की बहुलता है।

कांग्रेस नेता ने 'अपने गोद लिए हुए देश' और अपनी मातृभूमि दोनों में योगदान के लिए प्रवासी भारतीयों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आप अहंकार के साथ नहीं आए, आप विनम्रता, प्यार और स्नेह के साथ आए। उन्होंने भारतीय समुदाय और अमेरिकियों के बीच इन मूल्यों के प्रसार का आह्वान किया। 
 

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