अयोध्या में भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर बन रहे राम मंदिर प्रोजेक्ट को ब्रिटिश सेफ्टी काउंसिल का प्रतिष्ठित 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' अवॉर्ड मिला है। ये सेफ्टी मैनेजमेंट के मामले में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। भारत की स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा ने 15 दिसंबर 2024 को ये ऐलान किया।
जानकारी के मुताबिक, यह अवॉर्ड सेफ्टी मैनेजमेंट में सबसे बड़े सम्मानों में से एक है। यह उन प्रोजेक्ट्स को दिया जाता है जो सेफ्टी के मामले में सबसे ऊंचे स्तर के मानदंडों को पूरा करते हैं। ब्रिटिश सेफ्टी काउंसिल ऑनसाइट असेसमेंट करने से पहले प्रक्रियाओं और तरीकों का एक व्यापक ऑडिट करती है। जिन प्रोजेक्ट्स को सेफ्टी असेसमेंट में पांच स्टार रेटिंग मिलती है, वही इस पुरस्कार के लिए मुकाबले में हिस्सा ले सकते हैं।
यह पुरस्कार राम मंदिर प्रोजेक्ट की कड़े सुरक्षा नियमों को निर्माण के दौरान पालन करने की प्रतिबद्धता को दिखाता है। इस काम की अगुवाई लार्सन एंड टुब्रो कर रही है। इस फर्म को इससे पहले मंदिर निर्माण स्थल पर बेहतरीन सुरक्षा उपायों के लिए नेशनल सेफ्टी काउंसिल से 'गोल्डन ट्रॉफी' मिल चुकी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, राम मंदिर के निर्माण में काफी तरक्की हुई है। पहली और दूसरी मंजिल के साथ ही मंदिर के 'शिखर' का काम अंतिम चरण में है। जून 2025 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है। मंदिर में श्री राम दरबार की नक्काशीदार संगमरमर की मूर्तियां भी लगेंगी। साथ ही महर्षि वाल्मीकि, अहिल्या देवी, निषाद राज, शबरी, महर्षि वशिष्ठ, अगस्त्य मुनि, ऋषि विश्वामित्र और गोस्वामी तुलसीदास के चित्र भी होंगे। इन मूर्तियों को जनवरी 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
श्रीराम मंदिर राजस्थान के बांसी पहाड़पुर से लाए गए पत्थर से बन रहा है। इसके डिजाइन में वासुदेव कामत, श्री सोमपुरा और श्री जय काक्तिकार जैसे मशहूर कलाकारों और आर्किटेक्ट्स का अहम योगदान रहा है।निर्माण लगभग पूरा होने के करीब है। सेफ्टी अवार्ड्स इस प्रोजेक्ट की बेहतरीन क्वालिटी को और मजबूत करते हैं। राम मंदिर भक्ति और अंतरराष्ट्रीय मानकों के प्रति अटूट समर्पण का प्रतीक है।
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