यूएसए इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स (यूएसएआईसी) का कहना है कि भारत के जीवन विज्ञान नवाचार पारिस्थितिक तंत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। 25 अप्रैल को बोस्टन में होने जा रहे यूएसएआईसी के 18वें वार्षिक शिखर सम्मेलन से पहले शीर्ष भारतीय फार्मा केंद्रित व्यापार मंडल के प्रमुख ने यह बात कही है।
यूएसएआईसी के अध्यक्ष करुण ऋषि ने कहा है कि पिछले 18 वर्षों में यूएसएआईसी ने शीर्ष वैश्विक बायोफार्मा नेताओं और निवेशकों के साथ बड़े पैमाने पर काम किया है। इस दौरान भारत के जीवन विज्ञान नवाचार पारिस्थितिक तंत्र में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई है।
ऋषि ने कहा कि इस वृद्धि को भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित व्यावहारिक सहायक नीतियों द्वारा आगे बढ़ाया गया है, जो भारत को बायोफार्मा क्षेत्र में अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के लिए एक रणनीतिक भागीदार के रूप में स्थापित करता है। वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद भारत आशा की किरण बना हुआ है। यह निकट भविष्य में अपनी विकास यात्रा जारी रखने के लिए तैयार है।
ऋषि ने बताया कि अमेरिकी सरकार के शीर्ष अधिकारी यूएस एफडीए आयुक्त डॉ. रॉबर्ट कैलिफ की इस सम्मेलन में भागीदारी रहेगी। कैलिफ की भागीदारी भारत के साथ निकटता से सहयोग करने, नियामक ढांचे को मजबूत करने और देश में उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं के उत्पादन को सुनिश्चित करने के लिए यूएस एफडीए की गहरी रुचि और प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। डॉ. कैलिफ बीते सितंबर में भारत गये थे। शिखर सम्मेलन के दौरान वह अपनी भारत यात्रा से जुड़ी अहम बातों को साझा करेंगे जो दोनों देशों के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं।
दिन भर चलने वाले शिखर सम्मेलन में प्रमुख वक्ताओं के रूप में बायोजेन के सीईओ क्रिस विहबैकर, टाकेडा के एंड्रयू प्लम्प, नोवो नॉर्डिस्क के मार्कस शिंडलर, बीएमएस के रॉबर्ट प्लेंज और स्टैनफोर्ड के अकादमिक नेता मार्क टेसियर-लैविग्ने और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के जॉर्ज डेली जैसे आर एंड डी प्रमुख शामिल हैं।
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