भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी श्री थानेदार ने होनहार युवा स्नातकों को अपनी पढ़ाई के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने और देश में नवाचार और आर्थिक विकास में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते एक विधेयक पेश किया है।
प्रस्तावित विधेयक H.R. 9023 को 'कीप STEM ग्रेजुएट्स इन अमेरिका' एक्ट के रूप में जाना जाता है। यह विधेयक एच-1बी वीजा प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सुधारों का प्रस्ताव करता है। इसमें उपलब्ध वीजा की वार्षिक संख्या में वृद्धि शामिल है ताकि प्रतिभाशाली व्यक्तियों के लिए अमेरिकी अर्थव्यवस्था और उद्योग में रहना और योगदान करना आसान हो जाए।
कांग्रेस के निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि प्रौद्योगिकी और विज्ञान के क्षेत्रों में डिग्री हासिल करने वाले विदेशी छात्रों ने देश में नवाचार और आर्थिक विकास को काफी हद तक प्रेरित किया है। इसी कारण श्री थानेदार ने STEM स्नातकों के लिए वीजा प्रक्रिया में सुधार को प्राथमिकता दी है।
डॉक्टरेट की पढ़ाई करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका आए कांग्रेसी थानेदार ने अपने ही अनुभवों से प्रेरणा लेते हुए विधेयक के महत्व पर जोर दिया और कहा कि एक अप्रवासी के रूप में मैं इसके महत्व को समझता हूं। इसलिए क्योंकि अमेरिका में शैक्षिक अवसरों ने मुझे प्राप्त सभी बाद के अवसरों को आकार दिया। लिहाजा देश में हमारे सबसे प्रतिभाशाली छात्रों को बनाए रखना है।
ग्रेजुएशन के बाद एच-1बी वीजा हासिल करने से जुड़ी चुनौतियों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि एच-1बी वीजा की उपलब्धता का विस्तार करके और प्रक्रिया को सरल बनाकर हम एक ऐसे भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण और ठोस कदम उठा रहे हैं जहां नवप्रवर्तन की सबसे अधिक क्षमता वाले छात्र अमेरिका में नवप्रवर्तन करेंगे।
प्रस्तावित विधेयक को द फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS)) से समर्थन मिला है। FIIDS संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय डायस्पोरा की जरूरतों के लिए समर्पित एक थिंक टैंक है। बिल को लेकर थिंक टैंक ने कहा कि अमेरिका-प्रशिक्षित STEM स्नातकों को बनाए रखने के लिए इस अत्यंत महत्वपूर्ण विधेयक को पेश करने के लिए हम कांग्रेसी थानेदार को धन्यवाद देते हैं। इस बिल से करीब 300,000 भारतीय छात्रों और लाखों विदेशी छात्रों को फायदा होगा। यह एक महत्वपूर्ण बिल है क्योंकि चुनौतिपूर्ण नौकरी बाजार में उन्हें अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान करने के लिए उचित अवसर खोजने की खातिर अधिक समय की आवश्यकता है।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login