भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल और अमी बेरा ने अमेरिकी कांग्रेस में इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के संबोधन का बहिष्कार किया है। 22 जुलाई को वॉशिंगटन आये नेतन्याहू को गाजा पट्टी में सैन्य हमले के बीच अपनी इस यात्रा के लिए विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है।
प्रतिनिधि प्रमिला जयपाल ने कांग्रेस को संबोधित करने के लिए नेतन्याहू के निमंत्रण की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि मैं आराम से बैठकर यह बात कैसे सुन सकती हूं कि फ़िलिस्तीनी लोग भूख से तड़प रहे हैं और इजरायली तथा अमेरिकियों सहित बंधक बनाकर कैद कर दिय गये हैं।
जयपाल ने गाजा में सैन्य कार्रवाइयों के लिए नेतन्याहू द्वारा अमेरिकी करदाताओं के पैसे के इस्तेमाल की आलोचना की। इस बारे में प्रमिला का दावा है कि इसके परिणामस्वरूप कितने ही फिलिस्तीनी हताहत हुए और मानवीय संकट पैदा हुआ। उन्होंने नेतन्याहू पर दो-राज्य समाधान का विरोध करने का आरोप लगाया और कहा कि यह अमेरिका की आधिकारिक स्थिति के विपरीत है।
प्रतिनिधि अमी बेरा ने भी इज़राइल के भविष्य और हमास द्वारा रखे गए अमेरिकी बंधकों की दुर्दशा के लिए अपनी चिंताओं का हवाला देते हुए नेतन्याहू के संबोधन का बहिष्कार करने के अपने सहयोगी के फैसले का समर्थन किया है। बेरा ने कहा कि युद्धविराम पर सहमत होना, बंधकों को रिहा करना और ऐसे भविष्य पर बातचीत करना जरूरी है जो इजरायलियों और फिलिस्तीनियों के लिए शांति और स्थिरता का वादा करता हो।
बेरा ने नेतन्याहू से फिलिस्तीनी नागरिकों की पीड़ा को कम करने और बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रपति बाइडेन द्वारा मध्यस्थता किए गए युद्धविराम समझौते को स्वीकार करने का आग्रह किया है। दोनों सांसदों ने क्षेत्र में स्थायी स्थिरता की बहाली के लिए नेतन्याहू के दृष्टिकोण को प्रतिकूल बताते हुए मजबूत नेतृत्व और शांति के प्रति प्रतिबद्धता की आवश्यकता पर जोर दिया।
इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू 25 जुलाई को राष्ट्रपति जो बाइडेन से मिलने वाले हैं। वह 24 जुलाई को दोपहर 2 बजे अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करेंगे। (18:00 जीएमटी) अहम बात यह भी है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी 26 जुलाई को फ्लोरिडा के अपने पाम बीच रिसॉर्ट में नेतन्याहू की मेजबानी करेंगे।
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