कांग्रेसी माइक वाल्ट्ज का कहना है कि अमेरिका-भारत संबंध '21वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण संबंध' हैं। कांग्रेसी वाल्ट्ज को नामित राष्ट्रपति ट्रम्प ने हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में चुना है।
वाल्ट्ज प्रतिनिधि सभा में यूएस-इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष भी हैं। यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (USISPF) द्वारा सितंबर में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित INDUSXSummit 2024 के दौरान एक रिकॉर्ड किए गए संदेश में वाल्ट्ज ने अमेरिका-भारत संबंधों के महत्व को रेखांकित किया।
सेवानिवृत्त आर्मी ग्रीन बेरेट वाल्ट्ज चीन के एक मुखर आलोचक रहे हैं। महत्वपूर्ण सुरक्षा पद पर उनकी नियुक्ति अमेरिका-भारत संबंधों के बढ़ते महत्व को दर्शाती है। विशेष रूप से रक्षा, नवाचार और रणनीतिक सहयोग के क्षेत्रों में।
शिखर सम्मेलन में अपने संदेश में वाल्ट्ज ने सफल सहयोग के प्रमुख उदाहरण के रूप में बोइंग और टाटा के बीच अपाचे हेलीकॉप्टर फ्यूजलेज के सह-उत्पादन जैसे विकास का हवाला देते हुए द्विपक्षीय संबंधों में बढ़ती गति पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इन प्रयासों में न केवल जहाज की मरम्मत जैसी मौजूदा प्रौद्योगिकियां शामिल हैं बल्कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग और डेटा सेंटर संचालन जैसे उभरते क्षेत्र भी शामिल हैं।
अपने अनुभवों को लेकर वाल्ट्ज ने प्रतिनिधि रो खन्ना के साथ भारतीय स्वतंत्रता की 70वीं वर्षगांठ में अपनी भागीदारी का उल्लेख किया जहां उन्होंने अगस्त में लाल किले से भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन देखा था। वाल्ट्ज ने अमेरिकी कांग्रेस में मोदी के हालिया संबोधन का संदर्भ देते हुए कहा- गति बरकरार है।
वाल्ट्ज ने स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता के साथ अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, इस रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए मेरे कार्यालय और मेरी टीम के दरवाजे हमेशा खुले हैं।
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