UCLA हेल्थ के जॉन्सन कैंसर सेंटर में भारतीय मूल के शोधकर्ताओं को मैकनाइट एंडोमेंट फंड फॉर न्यूरोसाइंस की ओर से 2024 का न्यूरोबायोलॉजी ऑफ ब्रेन डिसऑर्डर्स अवॉर्ड दिया गया है। इनमें डॉ. अपर्णा भादुरी मेडिसिन और बायोलॉजिकल केमिस्ट्री की सहायक प्रोफेसर हैं। इनके अलावा डॉ. कुणाल पटेल न्यूरोसर्जरी के सहायक प्रोफेसर हैं।
दोनों अगले तीन साल में अपने ग्लिओब्लास्टोमा (glioblastoma) के अध्ययन को आगे बढ़ाने के लिए 300,000 डॉलर हासिल करेंगे। ग्लिओब्लास्टोमा एक प्रकार का ब्रेन कैंसर है। इसका इलाज बहुत ही कठिन माना जाता है। उनके शोध का उद्देश्य ग्लिओब्लास्टोमा के विकास और प्रगति में ट्यूमर माइक्रोएन्वायरमेंट की भूमिका का पता लगाना है। पारंपरिक माउस मॉडल और ब्रेन ट्यूमर के नमूनों ने सीमित अंतर्दृष्टि प्रदान की है, जिससे नए दृष्टिकोणों की आवश्यकता है।
भारतीय मूल के शोधकर्ताओं की यह जोड़ी स्टेम सेल लाइनों से ऑर्गेनोइड सिस्टम बनाने की योजना बना रही है जो मानव मस्तिष्क के वातावरण की नकल करते हैं। इन ऑर्गेनॉइड्स को पटेल द्वारा रोगियों से जुटाए गए ट्यूमर नमूनों के साथ प्रत्यारोपित किया जाएगा। वहीं, भादुरी की प्रयोगशाला इनका उपयोग ग्लिओब्लास्टोमा कोशिका प्रकारों के वंश संबंधों और ट्यूमर के भीतर उनके विकास की जांच करने के लिए करेगी।
ट्यूमर के कोर, परिधि और विभिन्न क्षेत्रों के भीतर विभिन्न कोशिकाओं की जांच करके शोधकर्ता ट्यूमर के विकास की गतिशीलता और आसपास के वातावरण के साथ इंटरेक्शन के बारे में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्राप्त करने की उम्मीद करते हैं। डॉ. अपर्णा भादुरी ने कहा हम इस अनुदान के लिए बहुत आभारी हैं। यह हमें ग्लिओब्लास्टोमा और इसके आसपास के वातावरण के बीच जटिल संबंधों की गहराई से उतरने का अवसर देगा। इसे समझकर हम ट्यूमर के विकास को बाधित करने और रोगी के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए नई रणनीतियां पहचानने की उम्मीद करते हैं।
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