कितना अजीब है कि एक प्रेम कहानी जो लगभग आधी सदी तक चली और 30 अप्रैल, 2020 को ऋषि कपूर के निधन के साथ समाप्त हुई एक जहरीले शीर्षक वाली फिल्म 'जहरीला इंसान' के सेट पर शुरू हुई। फिल्म 'जहरीला इंसान' 1974 में रिलीज हुई थी। तब तक ऋषि को पापा राज कपूर की फिल्म मेरा नाम जोकर में एक बाल कलाकार के रूप में बेहतरीन अभिनय के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका था। उसके बाद ब्लॉकबस्टर बॉबी के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला। इसे लेकर एक चौंकाने वाली स्वाकारोक्ति ऋषि ने बाद में अपने संस्मरण खुल्लम खुल्ला : ऋषि कपूर अनसेंसर्ड में की थी।
ऋषि की नीतू से पहली मुलाकात बॉबी के सेट पर हुई थी। नीतू भी एक बाल कलाकार रही हैं। जब वह सात साल की थीं तब से काम कर रही थीं। लेकिन इसके अलावा दोनों के बीच शायद ही कोई समानता रही हो। बाद में जब उन्होंने 'जहरीला इंसान' की शूटिंग शुरू की तो ऋषि ने नीतू के साथ उपेक्षापूर्ण व्यवहार किया। इससे वह परेशान हो गईं। ऋषि के असभ्य व्यवहार का कारण केवल यह नहीं था कि वह एक लड़का था। वह इसलिए भी उदास थीं क्योंकि जिस लड़की को वह देख रहा था, वह बॉबी की नायिका डिंपल कपाड़िया थीं। ऐसा देखा-सुना गया।
मुंबई से दूर ऋषि ने लंबे टेलीग्राम्स के जरिए नीतू को वापस लुभाने की कोशिश की। लेकिन उन संदेशों का कभी जवाब नहीं आया। फिर भी... आखिरकार प्यार ने जन्म ले लिया। लेकिन फिर भी वह ज्यादा आगे नहीं बढ़ सकीं। वर्षों बाद नीतू की मां ने खुलासा किया कि उन्होंने टेलीग्राम अपने पास रख लिए थे। शहर में वापस आकर ऋषि ने अपनी प्रेमिका को एक रेस्तरां में देखा। यही नहीं नीतू के पुरुष साथी के साथ ऋषि का विवाद भी हो गया था। वह उनके रिश्ते का अंत था।
मगर पेरिस में 'बारूद' के एक आउटडोर के दौरान, जिसमें उनकी सह-कलाकार शोमा आनंद और रीना रॉय थीं ऋषि को नीतू की बड़ी याद आई। तभी उन्होंने एक टेलीग्राम भेज दिया जिसमें लिखा था- ये सिखनी बड़ी याद आती है।
नीतू बहुत खुश हुईं और उन्होंने इसे यश चोपड़ा और उनकी पत्नी पाम को दिखाया। जल्द ही धीरे-धीरे परवान चढ़ रहे रोमांस की खबर उनके परिवार तक पहुंच गई और राज कपूर ने चुपचाप अपने बेटे के लिए आने वाले सभी प्रस्तावों को अस्वीकार करना शुरू कर दिया। तब ऋषि की बहन रितु ने इस मामले को अपने हाथों में लेने का फैसला किया और ऋषि को एक परिवारिक दोस्त की सगाई के लिए दिल्ली बुलाने के लिए मना लिया।
नीतू और उनकी मां को भी आमंत्रित किया गया। फिर किसी और के मंडप में ऋषि ने नीतू को अपनी बहन की अंगूठी दी और नीतू ने अचानक सगाई समारोह में झूठा कहीं का के निर्देशक रवि टंडन से अंगूठी उधार ली। हालांकि दोनों ने इस सगाई की बात छिपाकर रखी लेकिन जल्द ही उनकी शादी की खबरें उड़ने लगीं।
ऋषि ने हमेशा कहा कि उन्होंने कपूर खानदान की बहू बनने से पहले नीतू को फिल्में छोड़ने को कभी जोर नहीं दिया। उन्होंने केवल यह उल्लेख किया था कि एक बार बच्चे आ गए तो उनमें से एक को घर पर रहना होगा और दूसरे को जीविकोपार्जन करना होगा। लिहाजा शादी करने से पहले फिल्में छोड़ने का फैसला नीतू का अपना था।
लिहाजा जब नीतू सिंह फिल्मी करियर के चरम पर थीं तो उन्होंने फिल्में छोड़ दीं और 23 जनवरी, 1980 को चेंबूर में कपूर परिवार के आरके स्टूडियो में ऋषि से शादी कर ली। यह एक परीकथा जैसी शादी थी, लेकिन नीतू का प्रिंस चार्मिंग हमेशा एक आदर्श जीवनसाथी नहीं था। अपनी आत्मकथा में ऋषि ने स्वीकार किया कि वह अपनी फिल्मों की विफलता के कारण अवसाद से जूझ रहे थे और अपनी युवा पत्नी के साथ बहुत अच्छा व्यवहार नहीं करते थे। तब भी जब वह उनकी बेटी रिद्धिमा के साथ गर्भवती थीं।
परिवार और दोस्तों ने उन्हे इस अंधेरे से बाहर आने में मदद की। 90 के दशक के उत्तरार्ध में दंपती के बीच झगड़े की भी चर्चा थी। कहा जाता है कि नीतू ने उनके खिलाफ बांद्रा पुलिस स्टेशन में घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी और कुछ समय के लिए घर भी छोड़ दिया था। लेकिन फिर वह वापस लौट आईं और तमाम उतार-चढ़ाव के दौरान अपने पति के साथ रहीं। इसमें कैंसर से उनकी लड़ाई भी शामिल थी जब वे अमेरिका चले गए थे।
ऋषि सितंबर 2019 में मुंबई लौट आए और शूटिंग भी फिर से शुरू कर दी। लेकिन फरवरी 2020 में उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया और 30 अप्रैल को 67 वर्षीय अभिनेता ने दुनिया को अलविदा कह दिया।
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