26/11 के मुंबई के आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका मुंबई हमलों के गुनहगारों को सजा दिलाने में भारत के प्रयासों का हमेशा से समर्थन करता रहा है और आगे भी करता रहेगा।
रुबियो का यह बयान तहव्वुर राणा के 9 अप्रैल को भारत प्रत्यर्पण के एक दिन बाद आया। भारत में राणा को अब 2008 के मुंबई हमले में भूमिका के लिए सजा का सामना करना होगा। 64 वर्षीय राणा को भारत सरकार के अनुरोध पर प्रत्यर्पित किया गया है।
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रुबियो ने कहा कि अमेरिका ने तहव्वुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यर्पित कर दिया है जो 2008 के मुंबई हमले की साजिश में शामिल था। इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी जिनमें छह अमेरिकी भी थे। यह हमला पूरी दुनिया के लिए एक सदमा था। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ काम करता रहेगा।
2013 में राणा को अमेरिका में 14 साल की जेल हुई थी। उसे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की मदद करने और डेनमार्क में एक नाकाम आतंकी हमले की साजिश में शामिल पाया गया था। उसके साथी डेविड हेडली को मुंबई हमले में छह अमेरिकियों की हत्या में भूमिका पर 35 साल की सजा मिली है।
अमेरिका ने जून 2020 में भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध पर कार्रवाई की जिसका राणा ने पांच साल तक कानूनी तरीके से विरोध किया। 2023 में अमेरिकी अदालत ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। राणा ने इसे कई स्तरों पर चुनौती दी लेकिन हर बार उसे नाकामी मिली। अब उसे भारतीय अधिकारियों के हवाले कर दिया गया है।
भारत में राणा पर 10 आपराधिक आरोप हैं जिनमें हत्या, आतंकवाद और जालसाजी शामिल हैं। भारत का आरोप है कि राणा ने अपने दोस्त डेविड हेडली को मुंबई में हमले की तैयारी के लिए फर्जी दस्तावेज बनाकर मदद की। हेडली ने पाकिस्तान में लश्कर से ट्रेनिंग ली थी और हमले की जगहों का रेकी की थी।
26-29 नवंबर 2008 को लश्कर के 10 आतंकियों ने मुंबई में एक साथ हमले किए थे। उन्होंने होटल ताज, ओबेरॉय, लियोपोल्ड कैफे और नरीमन हाउस यहूदी केंद्र पर गोलियां चलाईं और बम फोड़े। इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा घायल हुए थे।
हमले के बाद राणा ने हेडली से कहा था कि भारतीय इसी के लायक थे। उसने मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान का सर्वोच्च सैन्य सम्मान देने की बात भी कही थी। अब राणा को भारतीय अदालत में अपने किए की सजा भुगतनी होगी।
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