नए बिल से भारतीयों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। / साभार सोशल मीडिया
अमेरिकी सीनेट ने रविवार को 118.28 अरब डॉलर का नेशनल सिक्योरिटी सप्लीमेंटल पैकेज जारी किया है, जिसमें सीमा सुधार नीतियों के अलावा यूक्रेन व इजरायल को आर्थिक मदद और मानवीय सहायता के प्रावधान शामिल हैं।
ओकला से रिपब्लिकन सेनेटर जेम्स लैंकफोर्ड, कनेक्टिकट से डेमोक्रेट सांसद क्रिस मर्फी और एरिजोना की नेता किर्स्टन सिनेमा के प्रयासों से तैयार इस एग्रीमेंट को कांग्रेस के पास मंजूरी के लिए भेजा गया है। पारित होने के बाद यह पिछले कुछ दशकों का सबसे आक्रामक सीमा सुरक्षा एवं इमिग्रेशन कानून होगा।
इस विधेयक से भारतीयों को ये फायदे होंगे-
- भारतीय एच1-बी वीजा के सबसे बड़े लाभार्थी हैं, ऐसे में अगले पांच वर्षों में अतिरिक्त 250,000 आप्रवासी वीजा मिलने का उन्हें सबसे ज्यादा फायदा होगा। इसमें हर साल 32 हजार परिवार आधारित वीजा और 18 हजार रोजगार आधारित वीजा दिए जाएंगे।
- एच-1बी वीजा वालों और अमेरिका में बसने का सपना देखने वालों (ड्रीमर्स) के पति या पत्नी और दीर्घकालिक वीजा धारकों के ऐसे बच्चे जो उम्र बढ़ने की वजह से जोखिम में हैं, उन्हें भी बिल के तहत सुरक्षा मिल सकेगी।
- यह विधेयक एच1-बी वीजा धारकों के आश्रितों को ऑटोमैटिक वर्क ऑथराइजेशन प्रदान करने के लिए इमिग्रेशन और राष्ट्रीयता अधिनियम में संशोधन करेगा।
- इससे यह भी सुनिश्चित हो सकेगा कि अमेरिका में बसने का सपना देखने वाले लोग (ड्रीमर्स) 21 साल की उम्र में सिस्टम से बाहर न हो जाएं।
- इस बिल में कहा गया है कि एच-1बी वीजाधारक के आश्रित बच्चे की उम्र का निर्धारण प्रारंभिक याचिका दाखिल करने की तारीख पर उस शख्स की उम्र के आधार पर किया जाएगा।
- बिल के अनुसार, पात्रता के लिए 21 वर्ष का होने से पहले कम से कम 8 वर्षों तक आश्रित बच्चे का स्टेटस बनाए रखना चाहिए। साथ ही आप्रवासी वीजा उपलब्ध होने के 2 साल के अंदर वैध स्थायी निवास के दर्जा के लिए आवेदन कर देना चाहिए।
- विधेयक में गैर आप्रवासी वीजा की एक नई श्रेणी बनाने का भी प्रावधान है जिससे अमेरिका में रहने वाले भारतीयों और उनके परिजनों को भी फायदा होगा। अस्थायी फैमिली वीजा के जरिए लोग सीमित अवधि के लिए खासकर पारिवारिक उद्देश्य से अमेरिका में अपने रिश्तेदारों से मिलने आ सकेंगे।
बिल की अन्य प्रमुख विशेषताएं
- यूक्रेन का सपोर्ट जारी रखने के लिए 60.6 बिलियन डॉलर देने का प्रावधान है।
- इजरायल को सुरक्षा सहायता के तौर पर 14.1 बिलियन डॉलर की मदद का प्रस्ताव।
- चीन से मुकाबले और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय भागीदारों की सहायता के लिए 4.83 बिलियन डॉलर दिए जाएंगे।
- गाजा, वेस्ट बैंक, यूक्रेन और दुनिया भर के अन्य संघर्षग्रस्त इलाकों में जीवनरक्षक मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए विदेश मंत्रालय और यूएसएड के लिए 10 बिलियन डॉलर का प्रावधान।
- गैर-लाभकारी संस्थाओं और पूजा स्थलों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए गैर-लाभकारी सिक्योरिटी ग्रांट प्रोग्राम के तहत 400 मिलियन डॉलर दिए जाएंगे।
- शरणार्थियों के स्क्रीनिंग मानक बढ़ाने और शरण संबंधी अन्य सुधारों को लागू करने का प्रस्ताव।
- सेना में सेवाएं देने वाले अप्रवासियों को त्वरित नागरिकता मिलेगी।
- इस विधेयक में अवैध ओपिओइड की सप्लाई चेन तोड़ने और फेंटेनिल दवाओं की तस्करी में शामिल लोगों को कड़ी सजा का भी प्रावधान है।
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