अमेरिका में ऐतिहासिक श्रीराम रथयात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, हर जगह श्रद्धा और भक्ति की गंगा बह रही है। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) अमेरिका-कनाडा की तरफ से 25 मार्च से निकाली जा रही इस यात्रा ने शनिवार तक पांच दिन के अंदर ही महत्वपूर्ण मुकाम हासिल किए हैं। यह यात्रा भक्ति, शक्ति और एकता की मिसाल बन गई है।
यह श्रीराम रथ यात्रा अमेरिका और कनाडा के प्रमुख स्थलों से होकर गुजरेगी। इस दौरान अमेरिका में 851 से अधिक और कनाडा में 150 से ज्यादा मंदिरों में जाएगी। पांच दिनों के अंदर ही ये यात्रा अमेरिका के पांच राज्यों में 3000 मील की दूरी तय करते हुए 70 मंदिरों का दौरा कर चुकी है।
यात्रा के ओहियो के कोलंबस में पहुंचने पर भूटानी समुदाय के लोगों ने यात्रा का जोरदार स्वागत किया। उन्होंने अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए 500 साल के संघर्ष की भी सराहना की।
यात्रा के हर पड़ाव पर श्रीरामलला का भारी उत्साह के साथ स्वागत किया गया। कई स्थानों पर 500 से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ बेसब्री से रथ के आगमन का इंतजार करती नजर आई। न्यूयॉर्क के शेनेक्टैडी में पांच साल से कम उम्र के बच्चे भी श्रीरामलला के दर्शन के लिए रात 9:30 बजे तक रुके।
विहिप-कनाडा टीम की अगुआई में टोरंटो स्थित बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर पहुंचे श्रीरामलला का रेड कार्पेट स्वागत किया गया। मंदिर के स्वामीजी पार्किंग से भगवान राम के विग्रह को खुद मंदिर तक लेकर आए। पूजा की। आरती उतारी। ओंटारियो के ब्रैम्पटन में भारत माता मंदिर में एक विशाल सभा के दौरान भक्तों ने राम भजनों पर जमकर नृत्य किया।
श्री रामरथ यात्रा नॉर्थ अमेरिका में हिंदू डायस्पोरा की एकता, विश्वास और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जीवंत उदाहरण है। इस यात्रा के जरिए वीएचपी का उद्देश्य अमेरिका और कनाडा के हिंदुओं को उनकी आध्यात्मिक जड़ों व एक-दूसरे से जोड़ना और आपसी सद्भाव व सम्मान को बढ़ावा देना है।
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