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पेन यूनिवर्सिटी के ग्रैजुएट्स को पुलित्जर विजेता सिद्धार्थ मुखर्जी ने सिखाए जीवन के मंत्र

डॉक्टर ऑफ साइंसेज की मानद उपाधि से सम्मानित भारतीय मूल के ऑन्कोलॉजिस्ट सिद्धार्थ मुखर्जी ने कैंसर रोगियों के साथ अपने अनुभव साझा किए और छात्रों के अंदर प्रेम एवं क्षमा जैसे मानवीय मूल्य विकसित करने पर जोर दिया।

पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के 268वें कमेंसमेंट डे पर संबोधन देते सिद्धार्थ मुखर्जी। / Image - University of Penn/Screenshot

पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के 268वें कमेंसमेंट डे के अवसर पर मशहूर ऑन्कोलॉजिस्ट और पुलित्जर पुरस्कार विजेता लेखक सिद्धार्थ मुखर्जी ने 2024 की ग्रेजुएशन  क्लास के छात्रों को गूढ़ ज्ञान प्रदान किया। 

डॉक्टर ऑफ साइंसेज की मानद उपाधि से सम्मानित भारतीय मूल के अमेरिकी सिद्धार्थ मुखर्जी ने कैंसर रोगियों के साथ अपने अनुभव साझा किए और प्रेम एवं क्षमा जैसे गहन मानवीय मूल्यों पर जोर दिया।

उन्होंने स्नातक छात्रों से आग्रह किया कि वे अपनी मौलिक इच्छाओं को व्यक्त करने के लिए इंतजार न करें और लोगों से मजबूत संबंध बनाएं। उन्होंने छात्रों से कहा कि यह ऐसा सबक है जो हम मरते हुए लोगों से सीख सकते हैं और हम अपनी जिंदगी में अमल कर सकते हैं। 

उन्होंने छात्रों से कहा कि वे इस सलाह पर तुरंत अभी से अमल शुरू कर दें। सिद्धार्थ की इस अपील का उद्देश्य छात्रों को तात्कालिकता एवं प्रामाणिकता की भावना के साथ रिश्तों को आकार देने के लिए प्रेरित करना था। मुखर्जी के भाषण ने कई छात्रों को गहराई से प्रेरित किया। 

इंटरनेशनल स्टडीज एंड बिजनेस में हंट्समैन प्रोग्राम के तहत पढ़ाई कर रहे आमिर लेसवाला ने बताया कि सिद्धार्थ का भाषण इतना प्रभावशाली था कि कई लोग इमोशनल हो गए थे और चश्मे के पीछे अपने आंसू नहीं छिपा पा रहे थे। 

मुखर्जी ने अपने संबोधन में छात्रों को चिंतन करने, तत्काल कदम उठाने और मानवीय संबंध विकसित करने की भावना विकसित करने की सलाह दी। उन्होंने ऐसी जिंदगी जीने पर जोर दिया जो उद्देश्य और करुणा से भरी हो। उनके मार्मिक संदेश ने छात्रों को सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित किया। 
 

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