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सिद्धांत 'सिड' वशिष्ठ ने रचा इतिहास, ऑस्ट्रेलियाई काउंसिल के पहले भारतीय मूल के मेयर बने

BRC में चुने गए सबसे युवा काउंसिलर के तौर पर वशिष्ठ का चुनाव नई लीडरशीप की चाहत को दिखाता है। बुनियादी ढांचा सुधारने, आर्थिक उन्नति और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उनके वादे बर्कले क्षेत्र के लिए बहुत जरूरी हैं, क्योंकि यह क्षेत्र वित्तीय सहित कई चुनौतियों से जूझ रहा है।

मेयर वशिष्ठ पिछले 13 साल से दूर-दराज के ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हैं। उन्होंने पिछले सात साल टेनेंट क्रीक में बिताए हैं। / Facebook

इतिहास रचते हुए सिद्धांत 'सिड' वशिष्ठ ऑस्ट्रेलियाई काउंसिल के पहले भारतीय मूल मेयर बन गए हैं। उन्हें 54% लोकप्रिय वोट मिले हैं। टेनेंट क्रीक में रहने वाले और माइनिंग खोज के पेशेवर वशिष्ठ अब बर्कले रीजनल काउंसिल (BRC) के मुखिया हैं। उनका वादा है कि वो लोगों का भरोसा वापस हासिल करेंगे, वित्तीय समस्याओं को सुलझाएंगे और अपने समुदाय की आवाज बनेंगे।

जीत के बाद फेसबुक पर सिड ने चार वॉर्डों- पट्टा, अलयावारा, कुवारंगु और अलपुररुलम का प्रतिनिधित्व करने वाले 12 नवनिर्वाचित पार्षदों को बधाई दी। उन्होंने काउंसिल को पारदर्शी और प्रभावी बनाने का अपना विजन भी बताया। उन्होंने लिखा, 'हम सब मिलकर जरूरी सेवाएं देंगे, जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे और बर्कले रीजन के हर लोगों की जोरदार आवाज बनेंगे।'

वशिष्ठ की सबसे तत्काल प्राथमिकताओं में से एक है काउंसिल के $5 मिलियन के बढ़े हुए वेतन बिल की जांच करना। पिछले साल स्टाफ की संख्या 245 से बढ़कर 377 हो गई है। काउंसिल का वेतन खर्च 2022-23 में $13.7 मिलियन से बढ़कर $18.5 मिलियन हो गया है। इस वजह से घाटा $11 मिलियन तक पहुंच गया है। मेयर वशिष्ठ ने इस स्थिति को 'अविश्वसनीय' बताया है और इस बढ़ोतरी की वजह जानने के लिए नॉर्दन क्षेत्र की सरकार के साथ मिलकर काम करने का वादा किया है। उन्होंने मीडिया को बताया, 'वहां जरूर कुछ जवाब होंगे, और मैं वास्तव में जवाब पाने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहता हूं।'

मेयर वशिष्ठ पिछले 13 साल से दूर-दराज के ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हैं। उन्होंने पिछले सात साल टेनेंट क्रीक में बिताए हैं। उन्हें कम्युनिटी प्रोजेक्ट, यूथ प्रोग्राम और लोकल बिजनेस मैनेजमेंट का काफी तजुर्बा है। वो स्वदेशी अधिकारों और उलुरु स्टेटमेंट के प्रबल समर्थक हैं। उनका लक्ष्य है कि इस क्षेत्र के लोगों की आवाज को सुना जाए।

BRC में चुने गए सबसे युवा काउंसिलर के तौर पर वशिष्ठ का चुनाव नई लीडरशीप की चाहत को दिखाता है। बुनियादी ढांचा सुधारने, आर्थिक उन्नति और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उनके वादे बर्कले क्षेत्र के लिए बहुत जरूरी हैं, क्योंकि यह क्षेत्र वित्तीय सहित कई चुनौतियों से जूझ रहा है। वशिष्ठ ने कहा, 'मुझे इस समुदाय की सेवा करने का सम्मान और गर्व है।' उन्होंने समावेशी नेतृत्व  में अपनी आस्था पर जोर देते हुए कहा, 'अगर आप लोगों की बात सुनने को तैयार हैं, चाहे वो कहीं से भी आते हों, लोग आपका साथ देंगे।'

 

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