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अमेरिकी सिख कारोबारी जस्सी ने ट्रम्प से मुलाकात के दौरान जेलेंस्की के रवैये पर ऐतराज जताया

सिख अमेरिकी बिजनेसमैन जसदीप सिंह जस्सी ने कहा, अगर अमेरिका न होता तो यूक्रेन अब तक खत्म हो गया होता। फिर भी, जेलेंसकी ने न सिर्फ सिर्फ और मदद मांगी, इसके साथ ही पहले दी जा चुकी मदद की कोई कद्र नहीं दिखाई।

सिख अमेरिकी बिजनेसमैन जसदीप सिंह जस्सी / Image- NIA

28 फरवरी को व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हुई मुलाकात बड़ी तकरार में खत्म हुई। इसे लेकर पूरी दुनिया में तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। जाने-माने सिख अमेरिकी बिजनेसमैन जसदीप सिंह जस्सी ने व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेनी प्रेसिडेंट जेलेंस्की की मुलाकात पर अपने विचार साझा किए हैं। खास बातचीत में जस्सी ने इस मीटिंग के वैश्विक महत्व पर अपनी राय साझा की। उन्होंने इसे एक अहम पल बताया। उन्होंने कहा कि पहले जहां डिप्लोमेसी बंद कमरों में होती थी, लेकिन आज ये खुलकर दुनिया के सामने आई। 

जस्सी ने जेलेंस्की के रवैये पर सख्त ऐतराज किया। उनका कहना था कि यूक्रेनी लीडर वैश्विक स्थिरता के बड़े हितों से ज्यादा आर्थिक मदद में दिलचस्पी रखते दिखे। उन्होंने बताया कि अमेरिका पहले ही यूक्रेन को 350 बिलियन डॉलर की मदद दे चुका है। इसके साथ ही जस्सी ने कहा कि मुलाकात के दौरान जेलेंस्की का रवैया नाशुक्रगुजार लग रहा था।

जसदीप सिंह ने कहा, अगर अमेरिका न होता, तो यूक्रेन अब तक खत्म हो गया होता। फिर भी, जेलेंसकी ने न सिर्फ सिर्फ और मदद मांगी, इसके साथ ही पहले दी जा चुकी मदद की कोई कद्र नहीं दिखाई।'

जसदीप सिंह ने ट्रम्प प्रशासन में दिख रही एकता की भी तारीफ की। उन्होंने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति, जेडी. वेंस के बीच टीमवर्क की सराहना की। जस्सी ने कहा, 'एक राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को एक साथ, अमेरिका के लिए मिलकर लड़ते हुए देखकर अच्छा लगा। इस तरह का टीमवर्क बहुत समय से गायब था।'

जैसे-जैसे व्हाइट हाउस की मीटिंग पर दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जसी का नजरिया उन कई लोगों की भावनाओं को दर्शाता है जो अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव देख रहे हैं। 

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