ADVERTISEMENTs

"भारतीय हवाई अड्डों पर सिखों को कृपाण ले जाने से रोका जा रहा", केंद्रीय मंत्री से दखल की मांग

एफएआई और एवीएम का आरोप है कि दिल्ली और अमृतसर पर विदेश जाने वाले सिखों को कृपाण और खंडा जैसे धार्मिक प्रतीक साथ ले जाने से रोका जा रहा है।

एफएआई के कन्वीनर समीप सिंह गुमताला और एवीएम के जॉइंट ओवरसीज सेक्रेटरी अनंतदीप सिंह ढिल्लों / images provided

अमृतसर विकास मंच (एवीएम) और फ्लाई अमृतसर इनशिएटिव (एफएआई) ने दावा किया है कि दिल्ली और अमृतसर जैसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर सिखों को कृपाण और खंडा जैसे धार्मिक प्रतीक साथ ले जाने से रोका जा रहा है। उन्होंने भारत सरकार से इस पर तुरंत कार्यवाही की मांग की है।

एफएआई और एवीएम ने एक बयान में बताया है कि उन्होंने ग्लोबल सिख डायस्पोरा के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर यह मुद्दा सिविल एविएशन मिनिस्टर राममोहन नायडू, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन एस इकबाल सिंह लालपुरा के अलावा सिख संस्थाओं के समक्ष उठाया है। 

संगठन कहना है कि सिख धर्म से जुड़े इस अहम मुद्दे से उसने इन लोगों के अलावा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष एस हरजिंदर सिंह धामी, दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी प्रेसिडेंट एस हरमीत सिंह कालका और बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव एस मनजिंदर सिंह सिरसा को भी अवगत कराया है और उचित कार्यवाही की मांग की है। 

एफएआई के ग्लोबल कन्वीनर समीप सिंह गुमताला और एवीएम के जॉइंट ओवरसीज सेक्रेटरी अनंतदीप सिंह ढिल्लों ने भारत के हवाई अड्डों पर सिख धर्म के प्रतीक चिह्नों को ले जाने से रोके जाने पर गहरी चिंता जताई है। उनका दावा है कि हवाई अड्डों पर एक इंच से छोटी सांकेतिक कृपाण को ले जाने से भी रोका जा रहा है जिससे सिखों की आस्था को गहरी ठेस लगी है। 

गुमताला ने पत्र में कहा है कि अमृतसर और दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों से यात्रा करने वाले कई सिख यात्रियों ने बताया है कि उन्हें छोटे आकार के धार्मिक प्रतीकों को हटाने के लिए मजबूर किया गया है। उनका कहना है कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और नीदरलैंड जैसे देशों से आने वाले सिखों को ऐसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। लेकिन यहां से विदेश जाने वाले सिखों को एयरपोर्ट पर जांच के नाम पर धार्मिक चिन्ह उतारने के लिए मजबूर किया जाता है। 

ढिल्लों ने कहा कि यह बेहद निराशाजनक है कि भारत के हवाई अड्डों पर ऐसी समस्या हो रही है। यूके और कनाडा जैसे देश न सिर्फ सिख यात्रियों को अपने धार्मिक प्रतीक पहनने की अनुमति देते हैं बल्कि सिख कर्मचारियों को कृपाण भी एयरसाइड तक ले जाने की अनुमति देते हैं। उन्होंने भारतीय अधिकारियों से भी इसी तरह के समावेशी उपाय करने का अनुरोध किया है। 

उन्होंने बताया कि हाल ही में एक अमृतधारी सिख यात्री का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसे इंटरनेशनल फ्लाइट में सवार होने से रोक दिया गया था क्योंकि उसने अपना 'ककार' (सिख धर्म का प्रतीक) हटाने से इनकार कर दिया था। उनका दावा है कि कई पिछले की महीनों में कई यात्रियों ने इस तरह की चिंताएं जाहिर की है और उनसे संपर्क किया है।

दोनों संगठनों ने केंद्रीय मंत्री नायडू से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है और धार्मिक स्वतंत्रता पर अनुचित प्रतिबंध हटाने के लिए नीतियों में संशोधन का आह्वान किया है। संगठनों ने एसजीपीसी सहित सिख नेताओं और समूहों से सिख यात्रियों के अधिकारों की रक्षा करने और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान सुनिश्चित करने की भी अपील की है। 
 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related