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ओहियो सिख समुदाय ने दी स्प्रिंगफील्ड के पूर्व मेयर वॉरेन कोपलैंड को श्रद्धांजलि

मेयर कोपलैंड सिख समुदाय के प्रिय मित्र और साथी थे और स्प्रिंगफील्ड सांस्कृतिक महोत्सव तथा मेमोरियल डे परेड के अलावा अनेक सामुदायिक कार्यक्रमों में उनकी उत्साहजनक भागीदारी रहती थी। इसीलिए ओहियो के सिख समुदाय ने पूर्व मेयर को याद किया।

वर्ष 2017 में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान अवतार सिंह परिवार के साथ बीच में पगड़ी बांधकर बैठे मेयर कोपलैंड। / Image : Sameep Singh

अमेरिका में डेटन और स्प्रिंगफील्ड, ओहियो के सिख समुदाय ने पूर्व मेयर वॉरेन कोपलैंड को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कोपलैंड को याद करने के लिए सिख समुदाय के लोग अपने परिजनों, दोस्तों और समुदाय के अन्य सदस्यों के साथ स्प्रिंगफील्ड सिटी हॉल और स्थानीय हाई स्कूल में एकत्र हुए। 

वर्ष 2022 में एक अन्य सामुदायिक कार्यक्रम में पहुंचे थे मेयर कोपलैंड। / Image : Sameep Singh

मेयर कोपलैंड ने 1990 से 1994 तक और 1998 से नवंबर 2023 तक अपनी सेवाएं दीं। इसके बाद वह सेवानिवृत्त हो गये। 80 वर्ष की आयु में मेयर कोपलैंड 22 जनवरी 2024 को इस दुनिया से सुकून के साथ विदा हो गये। मेयर कोपलैंड सिख समुदाय के प्रिय मित्र और साथी थे और स्प्रिंगफील्ड सांस्कृतिक महोत्सव तथा मेमोरियल डे परेड के अलावा अनेक सामुदायिक कार्यक्रमों में उनकी उत्साहजनक भागीदारी रहती थी। इसीलिए ओहियो के सिख समुदाय ने पूर्व मेयर को याद किया। 

स्प्रिंगफील्ड में 25 साल से अधिक समय से रह रहे अवतार सिंह अपनी पत्नी सरबजीत कौर और बच्चों रवजोत और मनप्रीत के साथ स्मारक दर्शन और सेवा में शामिल हुए। सिख परिवार ने मेयर कोपलैंड की पत्नी क्लारा से मुलाकात की और उनके तथा परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की।

मेयर कोपलैंड को याद करते हुए सरबजीत कौर ने कहा कि कोपलैंड 1998 में मेयर बने थे और तभी से हमारे पारिवारिक मित्र थे। स्प्रिंगफील्ड सांस्कृतिक महोत्सव के दौरान वे हमेशा सिख बूथ पर आते थे। समुदाय की विविध गतिविधियों में शामिल होते थे और खुशी-खुशी अपने सिर पर पगड़ी भी बंधवाते थे। 

डेटन के एक सामुदायिक कार्यकर्ता समीप सिंह गुमटाला ने भी सेवा में भाग लिया और भावुक होते हुए कहा कि मैं हर साल संस्कृति उत्सव में उन्हें पगड़ी बांधता था। वे हर साल मेमोरियल डे परेड में आते थे। मुझे सब याद आता रहेगा। मेयर कोपलैंड सामुदायिक कार्यक्रमों में इसलिए भी शामिल होते थे क्योंकि वे सामाजिक एकता और समावेशी आचरण में भरोसा करते थे। 
 

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