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भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की मजबूती और छात्रों का भविष्य संवारने के लिए सिडनी इंडियन लॉ सोसायटी की नई पहल

एसआईएलएस के संस्थापक अध्यक्ष रवि प्रकाश व्यास ने कहा कि एसआईएलएस सिडनी लॉ स्कूल की संस्कृति को कायम रखते हुए शिक्षा के अनुभव को विस्तार देने में यकीन रखता है।

एसआईएलएस 15 मई को 'वॉक डाउन मेमोरी लेन' शीर्षक से कार्यक्रम करेगा। / X @SydneyLawSchool

सिडनी लॉ स्कूल की सिडनी इंडियन लॉ सोसाइटी (SILS) की तरफ से हाल ही में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच संवाद और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसका शीर्षक नमस्ते लॉः एनुअल एसआईएलएस कीनोट एड्रेस था। 

बहुसांस्कृतिक समुदाय को बढ़ावा देने और अपने सदस्यों को कैरियर सपोर्ट व अवसर प्रदान करने के लिए समर्पित अग्रणी संस्थान के रूप में उभर रहे SILS के कार्यक्रम में बैरी ओ'फैरेल एओ ने दोनों देशों के बीच संबंधों के भविष्य पर फोकस करते हुए मुख्य भाषण दिया। 
 



बता दें कि एसआईएलएस आगामी 15 मई को 'वॉक डाउन मेमोरी लेन' शीर्षक से एक कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है, जिसमें न्यायविद माइकल किर्बी और प्रोफेसर उपेंद्र बक्शी के साथ वेबिनार भी होगा। इसमें किर्बी सिडनी लॉ स्कूल में बिताए अपने समय को याद करते हुए अपना अनुभव शेयर करेंगे। इसकी मेंटरशिप अकादमिक प्रोफेसर बक्सी ने की थी। 

SILS इस साल सेमेस्टर-2 में एक अनूठा मेंटरशिप प्रोग्राम भी शुरू करेगा। इस पहल का उद्देश्य सिडनी लॉ स्कूल के अनुभवी पेशेवरों को छात्रों के साथ जोड़ना और उन्हें कैरियर को लेकर मार्गदर्शन और अंतर्दृष्टि प्रदान करना है। 

एसआईएलएस के संस्थापक अध्यक्ष रवि प्रकाश व्यास ने कहा कि एसआईएलएस सिडनी लॉ स्कूल की संस्कृति को कायम रखते हुए शिक्षा के अनुभव को विस्तार देने में यकीन रखता है। एसआईएलएस छात्रों के साथ जुड़ाव को बढ़ावा देने और आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

एसआईएलएस छात्रों को शैक्षणिक एवं व्यावसायिक यात्रा में मदद के उद्देश्य से सामाजिक और कैरियर केंद्रित कार्यक्रम आयोजित करता रहता है। इस दौरान नेटवर्किंग सत्र से लेकर वेबिनार और सेमिनार भी होते हैं। इनमें ऑस्ट्रेलिया और भारत के नामचीन उद्योग विशेषज्ञ आते हैं और छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं।
 

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