अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एलुमनी एसोसिएशन ऑफ नॉर्दर्न कैलिफोर्निया (AMUAANC) ने सोमवार, 11 नवंबर, 2024 को मिलपिटास शहर (सैन फ्रांसिस्को बे एरिया) के इंडिया कम्युनिटी सेंटर में सर सैयद दिवस मनाया।
इस वार्षिक कार्यक्रम में सर सैयद (1817-1898) का दृष्टिकोण जीवंत दिखा। कार्यक्रम में अलीगढ़ एजुकेशन एंडोमेंट फंड (AEEF) के लिए धन संचय भी किया गया। इस वार्षिक आयोजन में क्षेत्रीय एएमयू पूर्व छात्रों (जिन्हें एलिग्स के नाम से जाना जाता है) और पूरे उत्तरी कैलिफोर्निया से आए उनके दोस्तों का समागम होता है जिसका उन्हे बेसब्री से इंतजार रहता है।
सर सैयद दिवस में दो सत्रों में मनाया जाता है। पहले में औपचारिक उद्घाटन, परिचय और मुख्य भाषण सहित AEEF के लिए धन उगाही होती है। इसके बाद के सत्र में समापन उर्दू मुशायरा (कविता पाठ) होता है। यह मुशायरा उस शाम की लंबे समय तक की यादगार होता है।
शाम की शुरुआत रात्रि भोज और मेलजोल के साथ हुई। शाहला खान कार्यक्रम की प्रबंध निदेशक थीं। उन्होंने पहले खंड के समन्वय में अच्छा काम किया और युवा (हाफ़िज़) मोहम्मद ज़ैद खान को कुरान पाठ के साथ औपचारिकताएं शुरू करने के लिए आमंत्रित किया। इसके बाद पाठ का अंग्रेजी अनुवाद किया गया। इसके बाद AMUAANC के वर्तमान अध्यक्ष आफताब उमर को स्वागत टिप्पणी के लिए आमंत्रित किया गया।
आफताब उमर ने सभी का अभिवादन किया और कहा कि वह उत्तरी कैलिफोर्निया के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पूर्व छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में सेवा करने पर सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उमर ने विशेष रूप से उन प्रायोजकों को धन्यवाद दिया जिन्होंने साल दर साल इस आयोजन को संभव बनाया। इस बार डॉ. कामिल और तलत हसन, श्रीमान और श्रीमती ज़हीर कजानी, श्रीमान और श्रीमती सैयद सरवत, श्री जमाल क़ुरैशी, इन्फोग्लेन टेक्नोलॉजीज और अमाना म्यूचुअल फंड ट्रस्ट का शुक्रिया अदा किया गया।
1933 में शायर मजाज द्वारा लिखे और 1955 में खान इश्तियाक मोहम्मद द्वारा रचित तराना-ए-अलीगढ़ (एएमयू गान) के बिना सर सैयद दिवस अधूरा रहता है। लिहाजा अलीगढ़ के पूर्व छात्रों इसे पेश किया। यह वास्तव में प्रेरणादायक दृश्य था।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login