भारत की स्वतंत्रता की 77वीं सालगिरह का जश्न देश-विदेश में हर भारतवंशी मना रहा है। आइए इस मौके पर भारतीय-अमेरिकी लेखकों के कुछ प्रमुख उपन्यासों के बारे में बताते हैं। ये किताबें भारतीय उपमहाद्वीप और डायस्पोरा समुदाय दोनों के बारे में अच्छी जानकारी प्रदान करती हैं। इन फिक्शन और नॉन फिक्शन कृतियों से भारत के अतीत, वर्तमान और उसकी विरासत की समझ बढाने में मदद मिल सकती है।
Raj (गीता मेहता)
गीता मेहता का राज एक ऐतिहासिक उपन्यास है जो 19वीं शताब्दी के अंत और 20वीं शताब्दी की शुरुआत में एक काल्पनिक भारतीय रियासत की राजकुमारी की जिंदगी पर आधारित है। नायक की यात्रा के माध्यम से गीता मेहता ब्रिटिश उपनिवेशवाद, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन और उस समय के सामाजिक परिवर्तनों की जटिलताओं से रूबरू कराती हैं।
Loot (तान्या जेम्स)
18वीं शताब्दी के इर्दगिर्द घूमता ऐतिहासिक उपन्यास 'लूट' एक युवा भारतीय बढ़ई की कहानी है जो एक फ्रांसीसी के यहां काम करता है। उसे एक सुल्तान के लिए एक ऑटोमैटिक मशीन बनाने का काम सौंपा जाता है। यह कहानी उपनिवेशवाद की खूनी विरासत की एक परीक्षा है, जो 50 वर्षों में महाद्वीपों में खेली गई थी। जेम्स की यह उत्कृष्ट कृति इतिहास की जटिलता और लूटी गई कलाकृतियों पर घूमती है। इसे 2023 में फिक्शन श्रेणी में नेशनल बुक अवार्ड के लिए भी लॉन्गलिस्ट किया जा चुका है।
The Lucky Ones (ज़ारा चौधरी)
यह समकालीन भारत में मुस्लिम विरोधी हिंसा की पीड़ित ज़ारा चौधरी का मर्मस्पर्शी संस्मरण है। इसमें वह राजनीतिक और पारिवारिक इतिहास को जोड़ती हैं जो भारत की इस्लामी विरासत की अनूठी छवि पेश करता है। यह एक युवा महिला के विद्रोह की कहानी है जो अपनी शर्तों पर अपनी जमीन, परिवार और आस्था को कायम रखने का प्रयास करती है।
A Thousand Times Before (आशा थंकी)
यह दिल दहला देने वाली पारिवारिक कहानी महिलाओं की तीन पीढ़ियों को कवर करती है। विभाजन युग के भारत से लेकर आधुनिक ब्रुकलिन तक 'ए थाउज़ेंड टाइम्स बिफोर' विरासत, स्मृति और व्यक्तिगत जीवन पर ऐतिहासिक घटनाओं के स्थायी प्रभाव की एक सम्मोहक कहानी है।
The Covenant of Water (अब्राहम वर्गीज)
अब्राहम वर्गीज की 'द कोवनेंट ऑफ वॉटर' एक एपिक उपन्यास है जो पाठकों को भारत के केरल में मालाबार तट पर ले जाता है। यह उपन्यास करीब आठ दशकों के समयकाल में एक रहस्यमय दुख से ग्रस्त परिवार की तीन पीढ़ियों की जिंदगी पर आधारित है, जिसमें हर पीढ़ी का कम से कम एक सदस्य डूब जाता है। यह उपन्यास अतीत के साथ एक गहरा संबंध बनाता है और भारत के सांस्कृतिक एवं सामाजिक तानेबाने का चित्रण पेश करता है।
This Land Is Our Land: An Immigrant's Manifesto (सुकेतु मेहता)
'दिस लैंड इज आवर लैंड' में सुकेतु मेहता ने इमिग्रेशन के विवादास्पद मुद्दे को छुआ है। न्यूयॉर्क में एक भारतवंशी लड़के के रूप में अपने अनुभवों और वैश्विक रिपोर्टिंग के आधार पर मेहता दुनिया भर में आप्रवासी विरोधी प्रतिक्रिया को पेश करते हैं। वह ऐसा महत्वपूर्ण नजरिया दिखाते हैं जो भारतीय इतिहास और डायस्पोरा के संदर्भ में गहराई से प्रतिध्वनित होता है।
The Glass Palace(अमिताव घोष)
द ग्लास पैलेस एक ऐतिहासिक उपन्यास है जो एक सदी से अधिक समय तक फैला है। इसकी शुरुआत 1885 में बर्मा पर ब्रिटिश आक्रमण से होती है। अमिताव भारतीय, बर्मी लोगों और ब्रिटिश परिवारों की कहानियों को एक साथ बुनते हैं। उपन्यास दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में ब्रिटिश शासन के प्रभाव का विशद चित्रण पेश करता है।
Missed Translations: Meeting the Immigrant Parents Who Raised Me (सोपान देब)
सोपान देब का यह संस्मरण अपनी पहचान और परिवार की ममस्पर्शी खोज करता है। न्यूयॉर्क टाइम्स के लेखक और हास्य अभिनेता देब अपने 30वें जन्मदिन पर महसूस करते हैं कि उनकी दक्षिण एशियाई संस्कृति गर्व और असुरक्षा दोनों की वजह रही है। माता-पिता की आप्रवासी यात्रा और शादी में अनबन के बीच देब न्यूजर्सी में अपनी परवरिश को अलग नजर से देखते हैं। यह किताब आप्रवासी अनुभव और सांस्कृतिक अस्मिता की अनदेखी चुनौतियों पर मार्मिक प्रतिबिंब पेश करती है।
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