अमेरिका में 10 लाख से अधिक हिंदी भाषी भारतीय आप्रवासी रहते हैं। वह दिन दूर नहीं जब अमेरिकी स्कूलों में हिंदी को दूसरी भाषा का दर्जा दिया जाएगा और भारतीय मूल के बच्चे प्राथमिक स्कूल स्तर से हिंदी सीखेंगे। इसकी अगुवाई का मौका कैलिफोर्निया के स्कूलों को मिल रहा है। सिलिकॉन वैली के दो सरकारी स्कूल पहली बार अपने स्कूली पाठ्यक्रम में विश्व भाषा के रूप में हिंदी को शामिल करेंगे।
दरअसल, कैलिफोर्निया के दो प्रसिद्ध स्कूल जॉन एम. हॉर्नर मिडिल स्कूल और इरविंगटन हाई स्कूल अगस्त में शुरू होने वाले शैक्षणिक वर्ष 2024-2025 के लिए अपने पाठ्यक्रम में हिंदी को विश्व भाषा के रूप में जोड़ने के लिए तैयार हैं। भारतीय अमेरिकी समुदाय ने फ्रेमोंट यूनिफाइड स्कूल डिस्ट्रिक्ट (एफयूएसडी) बोर्ड के पायलट प्रोजेक्ट का स्वागत किया है, जो आने वाले वर्षों में क्षेत्र के अन्य मध्य और उच्च विद्यालयों में हिंदी के विस्तार का दावा करता है।
एफयूएसडी बोर्ड के सदस्य विवेक प्रसाद ने कहा कि मैं मांग और उस मूल्य को देख रहा हूं जो हिंदी के सम्मान की वजह से दिख रहा हे। विवेक ने अन्य ट्रस्टियों और बोर्ड अध्यक्ष के साथ पायलट कार्यक्रम के पक्ष में मतदान किया है।
सिलिकॉन वैली के केंद्र फ्रेमोंट और उसके आसपास लगभग एक लाख भारतीय बसे हुए हैं। इस कारण इसे बढ़ती भारतीय मूल की आबादी वाले अमेरिकी शहरों में से एक माना जाता है। इन भारतीय अप्रवासी परिवारों के बच्चे फ्रेमोंट स्कूलों में भाग लेने वाले 50% से अधिक छात्रों के लिए जिम्मेदार हैं, जिनमें हॉर्नर मिडिल स्कूल और इरविंगटन हाई स्कूल शामिल हैं (जहां 65% छात्र भारतीय मूल के घरों से हैं)।
सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क, डलास और वाशिंगटन डीसी जैसे विभिन्न अमेरिकी शहरों में भारतीय प्रवासियों की उपस्थिति कमोबेश समान है। इसलिए भारतीय मूल का विशाल समुदाय, जिसका अमेरिका की अर्थव्यवस्था में योगदान किसी भी अन्य जातीय समूह से काफी अधिक है, वर्षों से अमेरिकी शिक्षा प्रणाली में हिंदी को शामिल करने की मांग कर रहा है।
फिलहाल, अमेरिका में हिंदी भाषा के कोर्स हाई स्कूल या विश्वविद्यालय स्तर पर कराए जाते हैं। इसलिए, कई भारतीय परिवार अपने बच्चों के लिए हिंदी सीखने और भारतीय भाषा से अपने सांस्कृतिक संबंध को बढ़ावा देने के लिए स्कूल के बाद के कार्यक्रमों का सहारा लेते हैं। प्रमुख भारतीय-अमेरिकी समूहों ने अमेरिकी स्कूलों में दूसरी भाषा के तौर पर हिंदी की पढ़ाई के लिए राष्ट्रपति बाइडन को एक प्रस्ताव भी सौंपा है। प्रस्ताव में इसके सामाजिक-आर्थिक प्रभाव समेत अन्य संभावित लाभों को बताया गया है।
हालांकि प्रस्ताव को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन अमेरिकी सिलिकॉन वैली स्कूलों की नवीनतम पहल निकट भविष्य में अनुकूल परिणाम की उम्मीद जगाती है। यह ठीक उसी तरह है जैसे न्यूयॉर्क और अन्य राज्यों द्वारा दीपावली को पब्लिक स्कूल की छुट्टी के रूप में घोषित करने से दीपावली दिवस अधिनियम की उम्मीद बढ़ गई है। यह अमेरिका में भारतीय अमेरिकी समुदाय का लंबे समय से सपना है।
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