दक्षिणी गोलार्ध के सबसे बड़े हिंदू मंदिर और सांस्कृतिक परिसर का शुभारंभ 1 फरवरी को जोहान्सबर्ग में किया गया। इस अवसर पर आयोजित एक समारोह में बड़ी संख्या में उपासकों ने हिस्सा लिया।
हालांकि दक्षिण अफ्रीका के 2 प्रतिशत से भी कम लोग हिंदू के रूप में पहचान रखते हैं किंतु यह देश के भारतीय समुदाय के बीच सबसे अधिक पालन किया जाने वाला धर्म है।
अभिषेक अनुष्ठान में भाग लेने के लिए उपासकों की भीड़ भोर से पहले पहुंची। इसका नेतृत्व बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) संप्रदाय के आध्यात्मिक गुरु 92 वर्षीय महंत स्वामी महाराज ने किया। स्वामीजी महाराज इस समारोह के लिए भारत से आए थे।
BAPS के प्रवक्ता हेमांग देसाई ने कहा कि संस्था चाहती है कि यह स्थान अंतरसांस्कृतिक, अंतर-धार्मिक संवाद और आदान-प्रदान का ठिकाना बन जाए। देसाई ने कहा कि यह स्थान सभा-संचार और नेटवर्किंग के लिए तो है ही लेकिन ज्यादातर प्रार्थना और उपासना का केंद्र है।
BAPS ने अपने फेसबुक पेज पर मंदिर को 'दक्षिणी गोलार्ध में सबसे बड़ा हिंदू सांस्कृतिक परिसर' बताया है। उद्घाटन से पहले, दर्जनों भिक्षुओं ने शनिवार को जोहान्सबर्ग में नगर यात्रा जुलूस का नेतृत्व किया। नगर कीर्तन में बैंड और नर्तकों द्वारा भक्ति संगीत प्रस्तुत किया गया।
देसाई ने बताया कि यह स्थान इसलिए चुना गया क्योंकि जोहान्सबर्ग में पहले से ही बड़ी संख्या में अनुयायी हैं और साथ ही देश के अन्य हिस्सों से इस क्षेत्र में आने वाले प्रवासी हिंदुओं का एक बड़ा प्रवाह भी है।
मंदिर दक्षिण अफ्रीका में समुदाय द्वारा बोली जाने वाली कई भाषाओं में कला, नृत्य, भाषा और आस्था के साथ-साथ BAPS चैरिटी में विभिन्न पाठ्यक्रमों की मेजबानी करेगा।
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