श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके राष्ट्राध्यक्ष के तौर पर अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत रविवार को भारत का दौरा करेंगे। इस दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वार्ता भी करेंगे।
द्वीपीय राष्ट्र श्रीलंका के नेता आमतौर पर अपनी पहली यात्रा के लिए क्षेत्रीय पावरहाउस भारत को चुनते रहे हैं। भारत श्रीलंका को अपने भू-राजनीतिक प्रभाव क्षेत्र के तहत देखता है और पिछले कुछ समय से चीन के बढ़ते वहां प्रभाव को लेकर चिंतित है।
श्रीलंका की सूचना मंत्री नलिंदा जयतिसा ने संवाददाताओं को बताया कि दिसानायके भारत में तीन दिन रहेंगे और इस दौरान उनकी पीएम मोदी और अन्य अधिकारियों के साथ अहम मुलाकातें होंगी। सरकार ने पहले बताया था कि दिसानायके अगले महीने चीन के नेताओं से बातचीत के लिए बीजिंग की यात्रा कर सकते हैं।
वामपंथी दिसानायके भ्रष्टाचार से लड़ने के संकल्प के साथ सितंबर में सत्ता में आए हैं। पिछले महीने संसदीय चुनावों में उनकी पार्टी ने शानदार जीत के साथ सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है।
भारत ने हाल के वर्षों में श्रीलंका में बुनियादी ढांचा प्रोजेक्टों को आगे बढ़ाने में काफी मदद की है। लेकिन श्रीलंका को कर्ज देने में चीन सबसे आगे है। चीन के बैंकों ने श्रीलंका में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को फंडिंग दी है।
श्रीलंका को 2022 में सबसे खराब वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा था जब भोजन, ईंधन और दवाओं जैसे आवश्यक चीजों के आयातों का भुगतान करने के लिये उसके पास विदेशी मुद्रा खत्म हो गई थी और वह 46 बिलियन डॉलर का विदेशी ऋण नहीं चुका पाया था।
चीन उस वक्त श्रीलंका का सबसे बड़ा एकल ऋणदाता था। डिफ़ॉल्ट के समय उसके 13.8 बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय ऋण में से आधा चीन का था। भारत 12 फीसदी कर्ज के साथ तीसरे स्थान पर है जबकि जापान 19.5 फीसदी कर्ज के साथ दूसरे स्थान पर है।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login