स्टेलेंटिस इस साल के अंत तक अपने भागीदार लीपमोटर द्वारा विकसित चीनी ब्रांड के इलेक्ट्रिक वाहन भारत में बेचने की योजना बना रहा है। स्टेलेंटिस के चीन परिचालन प्रमुख और इसके संयुक्त उद्यम लीपमोटर इंटरनेशनल के सीईओ तियांशु शिन ने कहा है कि ऑटोमोटिव बाजार के आकार के साथ भारत में भी निश्चित रूप से बहुत संभावनाएं हैं। शंघाई ऑटो शो के दौरान शिन ने रॉयटर्स से कहा कि हम भारतीय बाजार में तेजी से प्रवेश कर रहे हैं।
हालांकि शिन ने यह नहीं बताया कि स्टेलेंटिस भारत में लीपमोटर का कौन सा मॉडल बेचना चाहेगा या वाहन चीन से निर्यात किए जाएंगे अथवा स्थानीय रूप से असेंबल किए जाएंगे। स्टेलेंटिस द्वारा नियंत्रित संयुक्त उद्यम स्थानीय बाजारों के लिए लीपमोटर ईवी को असेंबल करने के लिए यूरोप और इंडोनेशिया में स्टेलेंटिस संयंत्रों का उपयोग करने की योजना बना रहा है। स्टेलेंटिस के भारत में कई प्लांट हैं। इनमें तमिलनाडु का एक प्लांट भी शामिल है जो पहले से ही सिट्रोएन ब्रांड के तहत ईवी का निर्माण कर रहा है।
शिन ने कहा कि व्यापार शुल्क की तेजी से बदलती प्रकृति को देखते हुए यह रणनीति 'नाजुक' हो सकती है। एक अलग साक्षात्कार में लीपमोटर के संस्थापक और सीईओ झू जियांगमिंग ने भी कहा कि भारत ईवी निर्माता के लिए संभावित रूप से एक बड़ा बाजार है लेकिन वहां लाभ कमाना मुश्किल होगा। झू ने कहा कि स्मार्टफोन, टैबलेट से कोई फर्क नहीं पड़ता, भारत से लाभ कमाना बहुत मुश्किल है और उम्मीद है कि ऑटो बाजार के लिए भी यही होगा।
अमेरिका आधारित टेस्ला ईवी अग्रणी है मगर अब राजस्व में चीन के बीवाईडी से पीछे है। टेस्ला लंबे समय से भारत में बिक्री करना चाहती थी, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार बाजार है। टेस्ला के प्रमुख इलोन मस्क कह चुके हैं कि भारत द्वारा आयात पर 100 प्रतिशत टैरिफ एक बाधा रही है। टेस्ला ने 23 अप्रैल को कहा कि वह अभी भी भारत में प्रवेश करने के बारे में विचार कर रही है। एक ऐसा बाजार जिसे उसके मुख्य वित्तीय अधिकारी ने बहुत बड़ा बताया है।
लीपमोटर ने हाल ही में स्मार्ट-ड्राइविंग सुविधाओं और लिडार सेंसिंग तकनीक से लैस एक ऑल-इलेक्ट्रिक B10 SUV को 18,000 डॉलर से कम कीमत पर लॉन्च करके हलचल मचा दी।
2023 में, स्टेलेंटिस ने 1.6 अरब डॉलर में लीपमोटर में 21 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी। दोनों वाहन निर्माताओं ने संयुक्त उद्यम लीपमोटर इंटरनेशनल का भी गठन किया, जिसमें स्टेलेंटिस की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
लीपमोटर ने पिछले साल सिर्फ़ 300,000 से ज़्यादा कारें बेचीं, जो BYD की बिक्री के दसवें हिस्से से भी कम है। हालांकि यह चौथी तिमाही में अपने पहले के पूर्वानुमान से एक साल पहले मुनाफ़ा कमा रही थी।
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