भारतीय मूल के डॉक्टर अमेरिकी स्वास्थ्य देखभाल तंत्र की रीढ़ हैं। अपने अत्याधुनिक अनुसंधान के साथ रोगियों को कैंसर, हृदय रोगों और मधुमेह जैसे जीवन-घातक स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में आगाह करने को लेकर भी वे आगे रहते हैं। एक शीर्ष भारतीय अमेरिकी ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. सतीश कथूला ने हाल ही में हार्वर्ड मेडिकल कॉलेज में कैंसर जागरूकता और स्क्रीनिंग पर जो प्रस्तुति दी उसे सुनकर कई लोग दंग रह गए।
अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन (AAPI) के निर्वाचित अध्यक्ष सहित कई प्रमुख पद संभालने वाले डॉ. कथूला ने हार्वर्ड मेडिकल कॉलेज में ग्लोबल हेल्थ केयर लीडर्स प्रोग्राम हिस्सेदारी करते हुए कैंसर के खतरों पर एक प्रस्तुति दी थी और इस घातक बीमारी से लड़ने अथवा दूर रहने का मंत्र दिया जिसे वह 'स्टॉप 3..स्टार्ट 3' कहते हैं।
डॉ. कथूला वर्तमान में डेटन, ओहियो में रहते हैं और एक हेमेटोलॉजिस्ट और ऑन्कोलॉजिस्ट के रूप में अभ्यास करते हैं। वह एक उद्यमी और परोपकारी भी हैं। उनके अनुसार नए कैंसर की वैश्विक घटनाएं प्रति वर्ष लगभग 2 करोड़ के आसपास हैं और प्रति वर्ष 1 करोड़ लोग विविध प्रकार के कैंसर से मरते हैं। इससे भी बुरी बात यह है कि (एक भारतीय मूल के व्यक्ति के रूप में) संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विकसित पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में कैंसर जांच कम है। यह एक कठोर किंतु अफसोसजनक वास्तविकता है।
बकौल डॉ. कथूला कैंसर का बड़ा ख़तरा जीवनशैली से है। इसीलिए वह 3 चीजों से दूर रहने की सलाह देते हैं। 3 यानी धूम्रपान, शराब और प्रसंस्कृत मांस। साथ ही कहते हैं कि कैंसर मुक्त जीवन का मार्ग भी तीन व्यवहारों से प्रशस्त होता है। 3 यानी शारीरिक गतिविधि, कैंसर स्क्रीनिंग, मानव पेपिलोमावायरस (एचपीवी) और हेपेटाइटिस बी (एचबीवी) का टीका।
डॉ, कथूला बताते हैं कि अस्वास्थ्यकर जीवनशैली आधे से अधिक तरह के कैंसर के लिए जिम्मेदार है और इसमें तंबाकू का उपयोग, शराब, प्रसंस्कृत मांस खाना, शारीरिक गतिविधि की कमी, मोटापा, सब्जियों और फलों के सेवन की कमी, एचपीवी और हेपेटाइटिस बी जैसे वायरल संक्रमणों के खिलाफ कोई सुरक्षा का न होना शामिल है।
न्यू इंडिया अब्रॉड से बात करते हुए डॉ. कैथुला ने कहा कि जीवनशैली और कैंसर के खतरे के बारे में जानकारी की कमी है। इसके अलावा विकासशील देशों में कैंसर की जांच और कैंसर को रोकने वाले टीकों के बारे में बहुत कम या कोई जागरूकता नहीं है। इसका मुख्य कारण खराब अभियान और संभावित कैंसर रोगियों के बीच विश्वास और प्रेरणा की कमी है।
कैंसर जागरूकता पेपर के बारे में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अपनी प्रस्तुति के बारे में बात करते हुए डॉ. कैथुला ने न्यू इंडिया अब्रॉड को बताया कि स्वस्थ जीवनशैली न केवल कैंसर के खतरों को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि उच्च रक्तचाप, मधुमेह, दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी पुरानी बीमारियों को भी कम करने की कुंजी है। सरकार को रोकथाम पर अधिक ध्यान देना होगा जिससे अरबों रुपये और अनगिनत जिंदगियां बचाई जा सकेंगी।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login