लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दो विशेष वैश्विक प्रतिभा छात्रवृत्तियां शुरू की हैं। ये छात्रवृत्ति दुनिया भर में भारतीय छात्रों और उनके जैसे विद्यार्थियों का सपोर्ट करने के लिए समर्पित हैं।
इस छात्रवृत्ति के तहत 3,000 पाउंड (तीन लाख रुपये से अधिक) का आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाएगा। इसका फायदा सितंबर 2024 से क्वीन मैरी में स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिलेगा।
पारंपरिक छात्रवृत्ति के उलट, इस सहायता के लिए पात्र विद्यार्थियों की संख्या सीमित नहीं है। इससे अंतरराष्ट्रीय छात्रों को एक समान अवसर मिलता है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह छात्रवृत्ति विश्वविद्यालय की तरफ से भारतीय छात्रों को ध्यान में रखकर शुरू की गई है।
इस छात्रवृत्ति के लिए अलग से आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। निर्दिष्ट मानकों को पूरा करने वाले सभी छात्र इसके लिए खुद ब खुद पात्र होंगे। विश्वविद्यालय ने एक बयान में बताया कि स्नातक छात्रवृत्ति के लिए इच्छुक छात्रों ने एएए या समकक्ष के ए-स्तर ग्रेड स्तर हासिल कर रखा हो और उनके पास सितंबर 2024 में एक कोर्स का ऑफर होना चाहिए।
इस तरह स्नातकोत्तर छात्रवृत्ति के लिए योग्य छात्रों के पास सितंबर 2024 के कोर्स का ऑफर और यूके का फर्स्ट क्लास ऑनर्स या इसके समकक्ष योग्यता होनी चाहिए।
लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी में वैश्विक सहभागिता मामलों के निदेशक ली वाइल्डमैन ने विश्वविद्यालय के विविध समुदाय में भारतीय छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए इन छात्रवृत्तियों की शुरुआत किए जाने पर खुशी जताई है।
क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी के बारे में बताएं तो यह लंदन के मध्य में रसेल ग्रुप यूके का शीर्ष 20 संस्थान है, जिसे विश्व-अग्रणी अनुसंधान विश्वविद्यालय एवं शैक्षिक अगुआ की मान्यता हासिल है। अनुसंधान उत्कृष्टता में इसका यूके में 7वां नंबर है। विश्वविद्यालय में कुल छात्रों के 41 प्रतिशत अंतरराष्ट्रीय छात्र हैं।
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