क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी रहे सुनील गावस्कर ने 2028 के लॉस एंजेलिस ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल किए जाने को शानदार उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि ओलंपिक विलेज में रहना और प्रतिस्पर्धा करना क्रिकेटरों के लिए अनोखा अनुभव होगा।
अपने बेटे के कॉमनवेल्थ गेम्स में अनुभव को याद करते हुए सुनील गावस्कर ने बताया कि गेम्स विलेज का एथलीट्स पर गहरा असर होता है। वहां उन्हें दूसरे खेलों के चैंपियन्स के साथ समय बिताने का दुर्लभ मौका मिलता है। एक-दूसरे से सीखने का अवसर मिलता है।
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गावस्कर ने ये बातें अमेरिका में व्हील्स और ओडब्लूओएफ फाउंडेशन की तरफ से आयोजित कार्यक्रम एन ईवनिंग डिवाइन में कहीं। इस कार्यक्रम का मकसद इसी साल नवंबर में भारत के ग्रामीण इलाके में खुलने वाले 600 बेड के मुफ्त मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए मदद जुटाना था।
गावस्कर ने ओलंपिक में भारतीय टीम की संभावनाओं पर बात करते हुए टीम पर भरोसा जताया और लिमिटेड ओवर के फॉर्मेट में उनके प्रदर्शन की सराहना की। हालांकि उनका कहना था कि क्रिकेट जैसे गेम में सफलता सामूहिक प्रयास पर निर्भर करती है चाहे वह फील्डर्स हों या बॉलर्स या फिर बैट्समैन।
भारतीय क्रिकेट के सफर का जिक्र करते हुए गावस्कर ने तीन महत्वपूर्ण पड़ावों का जिक्र किया। इनमें 1983 में कपिल देव की अगुआई में विश्व कप जीतना, 2007 का टी20 विश्व कप हासिल करना और आईपीएल। उनका कहना था कि आईपीएल ने तो क्रिकेट का नक्शा ही बदल दिया है। गावस्कर का मानना है कि आने वाले दशकों में टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों फॉर्मेट को जगह मिलेगी।
गावस्कर ने क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने के बाद अब चैरिटी कार्यों को समय देना शुरू किया है। इसमें श्री सत्य साई संजीवनी अस्पताल भी शामिल है जो हृदय रोग से पीड़ित बच्चों का मुफ्त इलाज करता है। उनका मानना है कि रिटायरमेंट के बाद खिलाड़ियों को परिवार को समय देना चाहिए, और फिर समाज में योगदान के तरीके ढूंढने चाहिए।
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