भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने नया इतिहास बनाया है। वह किसी नए अंतरिक्ष यान को पहली बार उड़ाने वाली महिला महिला अंतरिक्ष यात्री बन गई हैं।
सुनीता ने नासा के अंतरिक्ष यात्री बैरी 'बुच' विल्मोर के साथ फ्लोरिडा के केप कैनेवेरल से बोइंग कंपनी के स्टारलाइनर कैप्सूल पर सवार होकर बुधवार को बोइंग के क्रू फ्लाइट टेस्ट (सीएफटी) फ्लाइट को संचालित किया।
LIVE: Watch the joint @NASA/Boeing news conference about today's #Starliner #CFT launch and its upcoming docking with @Space_Station. https://t.co/xCYvqAI8LT
— Boeing Space (@BoeingSpace) June 5, 2024
यह स्टारलाइनर को नासा के वाणिज्यिक क्रू कार्यक्रम के तौर पर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए चालक दल की नियमित उड़ानों के लिए प्रमाणित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
बोइंग का ये मिशन अगर सफल हो जाता है तो स्टारलाइनर अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस तक लाने-ले जाने का दूसरा प्राइवेट अंतरिक्ष यान बन जाएगा। स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन पहले से ही ये काम कर रहा है।
स्टारलाइनर कैप्सूल रवाना होने के लगभग 26 घंटे बाद आईएसएस से जुड़ने का प्रयास करेगा। यह स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में घूमती प्रयोगशाला आईएसएस के लिए 500 पाउंड से अधिक का सामान भी लेकर गया है।
दोनों अंतरिक्ष यात्री आईएसएस पर करीब एक सप्ताह तक रहेंगे। इस दौरान वे कई तरह के टेस्ट करेंगे और स्टारलाइनर के सिस्टम को परखेंगे। इसके बाद उनका धरती पर वापस लौटने का कार्यक्रम है। दोनों अंतरिक्ष यात्री पैराशूट वाले सिस्टम के जरिए अमेरिका के पश्चिमी इलाके में उतरेंगे।
पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका में पैराशूट-असिस्टेड लैंडिंग के लिए पृथ्वी पर लौटने से पहले स्टेशन पर लगभग एक सप्ताह बिताएंगे, परीक्षण करेंगे और स्टारलाइनर की प्रणालियों को मान्य करेंगे।
सुनीता विलियम्स के लिए ये टेस्ट फ्लाइट एक मील का पत्थर साबित होगा। सुनीता को पहले से ही अंतरिक्ष में 322 दिन बिताने का अनुभव है। इसके अलावा किसी महिला द्वारा सबसे अधिक सात बार स्पेसवॉक करने और 50 घंटे, 40 मिनट तक स्पेसवॉक करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है।
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