ब्रिटिश काल का खेल क्रिकेट दक्षिण एशियाई लोगों के लिए एक धर्म बन गया है। उपमहाद्वीप में इसकी बढ़ती लोकप्रियता इतनी प्रबल है कि अमेरिका में चल रहे T20 विश्व कप में 20 में से 12 टीमों का प्रतिनिधित्व दक्षिण एशियाई मूल के खिलाड़ियों द्वारा किया जा रहा है। वेस्टइंडीज और संयुक्त राज्य अमेरिका साझा रूप से इस प्रमुख आयोजन के 9वें संस्करण की मेजबानी कर रहे हैं।
संयोग से रिकॉर्ड संख्या में छह दक्षिण एशियाई देशों- भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और नेपाल ने T20 विश्व कप 2024 के लिए क्वालीफाई किया। छह अन्य टीमों- कनाडा, ओमान, युगांडा, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड और यूएसए- का प्रतिनिधित्व दक्षिण एशियाई मूल के खिलाड़ियों द्वारा किया जा रहा है।
अन्यथा दक्षिण अफ्रीका ने अब तक खेले गए अपने सभी तीन मैच दो एशियाई टीमों श्रीलंका और बांग्लादेश को हराकर जीते हैं। इसके अलावा उसने कई मैचों में अधिकतम जीत के साथ तालिका में शीर्ष पर बने रहने के लिए नीदरलैंड को हराया है।
टूर्नामेंट के 55 में से पूरे हुए 21 मैचों पर नजर डालें तो दक्षिण एशियाई टीमों और खिलाड़ियों का प्रदर्शन मीडिया में सुर्खियां बटोर रहा है। दुनिया के अन्य हिस्सों की टीमों के खिलाफ खेलते हुए दक्षिण एशियाई रिकॉर्ड 3-4 है। अफगानिस्तान ने युगांडा और न्यूजीलैंड के खिलाफ ठोस जीत दर्ज की है और भारत ने आयरलैंड पर समान जीत दर्ज की है। उन्हें कुछ चौंकाने वाली हार का सामना करना पड़ा है। जिसमें पाकिस्तान की हार भी शामिल है। खेल में संयुक्त राज्य अमेरिका से सुपर ओवर और नेपाल नीदरलैंड से बुरी तरह हार गया। नासाउ क्रिकेट स्टेडियम में खेले गए आखिरी मैच में बांग्लादेश दक्षिण अफ्रीका से 4 रन से हार गया।
दक्षिण एशियाई देशों के बीच खेले गए मुकाबलों में भारत ने कम स्कोर वाले मैच में पाकिस्तान पर 6 रन से रोमांचक जीत दर्ज की जबकि श्रीलंकाई टीम को बांग्लादेश ने चौंका दिया।
दक्षिण एशियाई प्रवासी खिलाड़ियों ने अब तक अपने वर्तमान निवास के देशों के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है। जब अमेरिका ने पाकिस्तान को झटका दिया तो यह सब टीम के कप्तान मोनाक पटेल की अच्छी बल्लेबाजी का नतीजा था। दक्षिण एशियाई मूल के अन्य खिलाड़ी जिन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है उनमें बल्लेबाज परगट सिंह (कनाडा) श्रेयस मोव्वा (कनाडा) और विक्रमजीत सिंह (नीदरलैंड) शामिल हैं।
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेट स्टार शाहिद अफरीदी ने अपने कॉलम में लिखा कि भारत और पाकिस्तान के बीच मैच में वह आसानी से हासिल किया जा सकने वाला लक्ष्य था। आईसीसी पुरुष T20 विश्व कप में किसी भी टीम ने कभी भी कम स्कोर का बचाव नहीं किया है। पाकिस्तान की गेंदबाजी अनुशासित थी और वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी क्रम को केवल 119 रन पर रोकने में कामयाब रही।
आफरीदी ने लिखा कि भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने खुद स्वीकार किया उनकी टीम ने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की और उनके और विराट कोहली सहित शुरुआती विकेट गिरने से खेल में जान आ गई। इन दोनों को जल्दी हटाने से पाकिस्तान को काफी गति मिली।
बकौल आफरीदी भारत आखिरी गेंद तक सकारात्मक और शांत रहा और रन पीछा करने के दबाव को बाबर आजम की टीम ने अच्छी तरह से नहीं संभाला। दोनों टीमों के बीच मुख्य अंतर भारत की मैदान पर निरंतरता, आत्मविश्वास, अनुशासन और रवैया था। अफरीदी ने कहा कि पाकिस्तान की बल्लेबाजी अच्छी नहीं रही। हमने जो देखा वह पावर हिटिंग का कमजोर प्रदर्शन था।
गौरतलब है कि भारत ने आईसीसी पुरुष T20 विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ अपने आठ में से सात मैच जीते हैं।
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