टी20 क्रिकेट विश्व कप में भारत की टीम अब तक अजेय रही है। भारत ने सोमवार को सुपर 8 के अपने तीसरे और अंतिम गेम में ऑस्ट्रेलिया को 24 रनों से हराकर टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। यह हार ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए बड़ी निराशा थी। कंगारुओं ने डटकर मुकाबला किया और टूर्नामेंट में भारत के सर्वोच्च स्कोर की बराबरी करने की कोशिश की लेकिन दूसरे हाफ में रनों का पीछा करने में नाकाम रहे।
यह जीत भारत के लिए एक मीठा बदला था। हालांकि एक अलग प्रारूप में क्योंकि वह पिछले साल अहमदाबाद में एकदिवसीय विश्व कप का खिताब ऑस्ट्रेलियाई टीम से हार गया था। भारत लंबे समय से आईसीसी ट्रॉफी की तलाश में है।
ऑस्ट्रेलियाई पर भारत की इस जीत का पूरा श्रेय जाता है कप्तान रोहित शर्मा को जिन्होंने अपने शुरुआती साथी विराट कोहली के आउट होने के बाद 41 गेंदों में 92 रन बनाए। अन्य बल्लेबाज सूर्य कुमार यादव (16 गेंदों में 31), शिवम दुबे ( 22 गेंदों में 28) और हार्दिक पंड्या (17 गेंदों में नाबाद 27) का योगदान किया। वहीं, अर्शदीप सिंह (3/37), कुलदीप यादव (2/24), जसप्रीत बुमरा (1/29) और अक्सर पटेल (1/21) की गेंदबाजी भी रंग लाई। ऑस्ट्रेलियाई टीम 206 के लक्ष्य का पीछा करते हुए 24 रन पहले ही पस्त हो गई।
हालांकि सेमीफाइनल में जगह बनाए रखने के लिए ऑस्ट्रेलिया के लिए यह मैच जीतना ज़रूरी था। अब उसे दो एशियाई टीमों- अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बीच आखिरी सुपर 8 गेम के नतीजे तक इंतजार करना होगा। इससे पहले खेले गए मैच में अफगानिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया को 21 रन से हराकर बड़ा उलटफेर किया था।
पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने अपना अजेय रिकॉर्ड बरकरार रखने की चुनौती स्वीकार की। लेकिन विराट कोहली दूसरे ओवर में आउट हो गए किंतु कप्तान रोहित शर्मा अपनी लय में आ गए। उन्होंने विकेट के चारों ओर हिट लगाकर अपनी शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। उनका दबदबा इतना था कि ऋषभ पंत के साथ दूसरे विकेट की 87 रनों की साझेदारी में ऋषभ ने 14 गेंदों में सिर्फ 15 रन बनाए।
रोहित ने 41 गेंदों की अपनी पारी में आठ छक्के और सात चौके लगाए। सूर्य कुमार यादव और शिवम दुबे ने वहीं से शुरुआत की जहां रोहित ने छोड़ा था और भारत को टूर्नामेंट में पहली बार 200 का आंकड़ा पार कराने में मदद की और विरोधी टीम के सामने 206 का लक्ष्य रखा।
ऑस्ट्रेलियाई टीम ने भी बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए दमदार शुरुआत की और एक समय लगने लगा कि मैच पर कंगारू होवी हो गए हैं मगर फिर एक के बाद एक विकेट मिलते चले गए और ऑस्ट्रेलिया पस्त होती गई। मैक्सवेल बहुत कुछ नहीं कर सके और ट्रेविड हेट से लगी आस भी टूट गई। आखिरी 2-3 ओवर तक मैच भारत की पकड़़ में आ चुका था।
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