भारत का तमिलनाडु राज्य विदेशी निवेश का बड़ा ठिकाना बन रहा है। राज्य सरकार ने हाल ही में एप्पल के सप्लायर टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स व पेगाट्रॉन और कंपनी हुंडई मोटर्स जैसी कंपनियों के साथ 4.39 अरब डॉलर से अधिक के निवेश समझौते पर दस्तखत किए हैं।
एप्पल चीन से अलग हटकर अपने उत्पादन में विविधता लाना चाहता है। इस वजह से वह भारत में फोकस कर रहा है। उसकी सहयोगी तकनीकी दिग्गज कंपनी पेगाट्रॉन इस दिशा में काम आगे बढ़ते हुए अपनी दूसरी फैक्ट्री पर काम कर रही है। टाटा समूह भी पिछले साल से आईफोन की असेंबलिंग शुरू कर चुका है।
समझौतों पर दस्तखत के दौरान राज्य सरकार की तरफ से बताया गया है कि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने फोन असेंबलिंग के लिए 120.8 अरब रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कार्यक्रम में कहा कि उनकी सरकार निवेशकों को हरसंभव मदद करेगी।
सरकार ने बताया कि ऐप्पल के लिए ताइवान का प्रमुख सप्लायर पेगाट्रॉन भी उत्पादन बढ़ाने के लिए 10 अरब रुपये का निवेश करेगा। इसके अलावा टाटा पावर अगले कई वर्षों में तमिलनाडु में 700 अरब रुपये तक के निवेश की संभावना तलाश रहा है। इससे राज्य में हजारों नई नौकरियां पैदा होने का अनुमान है।
तमिलनाडु में हुए इन सौदों में जेएसडब्लू एनर्जी के साथ एक समझौता भी शामिल है जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में 120 अरब रुपये का निवेश किया जाएगा। प्रमुख ऑटो कंपनी हुंडई मोटर्स ने भी 61.80 अरब रुपये के निवेश का वादा किया है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी और कार मैन्यूफैक्चरिंग पर जोर रहेगा।
इससे पहले वियतनामी ईवी निर्माता VinFast भारत में अपनी पहली मैन्यूफैक्टरिंग यूनिट लगाने करने और 2 अरब डॉलर तक के निवेश की दिशा में काम करने पर सहमत हुई है। नाइकी के लिए जूते बनाने वाली कंपनी हांग फू भी भारत में लगभग 10.4 अरब रुपये का निवेश करने के लिए राज्य सरकार से जल्द समझौता करने कीतैयारी कर रही है।
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