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टीसीएस ने सिनसिनाटी में स्थापित की इनोवेशन लैब, जानें क्या होगा फायदा

टीसीएस के प्रेसिडेंट (नॉर्थ अमेरिका) ने अमित बजाज ने एनर्जी ट्रांजिशन और एआई संचालित प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ाने जैसे संरचनात्मक बदलावों में लैब की अहमियत पर रोशनी डाली।

टीसीेएस की ब्रिंगिंग लाइफ टू थिंग्स लैब 3,000 वर्ग फुट में फैली है। / Image- TCS/ website

भारत की बहुराष्ट्रीय आईटी सर्विस एंड कंसल्टेंसी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने ओहियो के सिनसिनाटी में अपनी इनोवेशन लैब की स्थापना की है। 3,000 वर्ग फुट में फैली इस ब्रिंगिंग लाइफ टू थिंग्स लैब का हाल ही में उद्घाटन किया गया है। 

इस लैब को लगाने का उद्देश्य AI, GenAI और IoT सॉल्युशन का प्रोटोटाइप तैयार करना, उनका इस्तेमाल करना और बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन में तेजी लाना है। ये लैब IoT सॉल्यूशन के लिए TCS के सूट को सपोर्ट करेगी, जिसमें TCS Clever EnergyTM, TCS Digital Manufacturing PlatformTM और TCS DigifleetTM शामिल होंगे। यह स्वास्थ्य सेवा, विनिर्माण और ऊर्जा जैसे विभिन्न उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगी। 

टीसीएस के प्रेसिडेंट (नॉर्थ अमेरिका) ने अमित बजाज ने एनर्जी ट्रांजिशन और एआई संचालित प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ाने जैसे संरचनात्मक बदलावों में लैब की अहमियत पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि ओहियो में ब्रिंगिंग लाइफ टू थिंग्स लैब से टीसीएस के ग्राहकों को अपने ऑपरेशनल और डिजिटल प्रौद्योगिकी के बीच अंतर को पाटने में मदद मिलेगी, जिससे वे अपने आइडियाज को तेजी से उत्पादों में बदल सकेंगे। 

उन्होंने कहा कि यह लैब अमेरिका में टीसीएस के सबसे बड़े डिलीवरी सेंटर सिनसिनाटी जैसी अहम लोकेशन पर स्थित है। इससे हमें इलाके में तकनीकी प्रतिभाओं का इस्तेमाल करने और उत्तरी अमेरिका में ग्राहकों की मदद करने में काफी सहूलियत होगी। 

टीसीएस में आईओटी और डिजिटल इंजीनियरिंग के ग्लोबल हेड रेगु अय्यस्वामी ने कहा कि यह लैब नवाचार को बढ़ावा देगी, जिससे ग्राहकों को डिजाइन थिंकिंग वर्कशॉप के जरिए विचार मंथन और सहयोग करने में सक्षम बनाया जाएगा। साथ ही आईओटी, एआई और जेनएआई तकनीक की पूरी क्षमताओं को अनलॉक करने में भी मदद मिलेगी। 

इस लैब की उल्लेखनीय पहल में 'डिजिटल ट्विन ऑफ द हार्ट' शामिल है, जो एथलीटों के दिल पर नजर रखने के लिए एआई संचालित डिजिटल ट्विन तकनीक का इस्तेमाल करती है। इसके अलावा ऑटोमोटिव सेक्टर के लिए सॉफ्टवेयर डिफाइंड व्हीकल (एसडीवी) का विकास पर भी काम होगा। 
 

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