अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की आव्रजन सुधार नीति पर टेक्सस के न्यायाधीन ने रोक लगा दी है। सबसे बड़े सुधारों वाली इस नीति पर अस्थाई रोक राष्ट्रपति बाइडेन के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। इस नीति में अमेरिका के नागरिकों के जीवनसाथियों को कानूनी दर्जा प्राप्त करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की प्रस्ताव है।
बाइडेन की इस नीति को अमेरिका के 16 राज्यों के अटॉर्नी जनरल ने चुनौती दी है। इस पर जज जे कैंपबेल बार्कर ने नीति पर 14 दिन की प्रशासनिक रोक को मंजूरी दे दी। जून में राष्ट्रपति बाइडेन ने नई नीति की घोषणा की थी जिससे अमेरिका के नागरिकों से शादी करने वाले करीब 5 लाख जीवनसाथियों को भी देश की नागरिका का मार्ग प्रशस्त होता।
नई आव्रजन सुधार नीति को चुनौती देने वाले 16 राज्यों का कहना है कि इससे देश को साव्रजनिक सेवाओं पर अतिरिक्त रूप से लाखों डॉलर खर्च करने पड़ेगे। खास तौर से स्वास्थ्य देखबाल, शिक्षा और कानून प्रवर्तन से जुड़ी सार्वजनिक सेवाओं पर खर्चा बहुत बढ़ जाएगा क्योंकि नागरिकों की नई आबादी उन सेवाओं के दायरे में होगी।
जज बार्कर ने अपने आदेश में लिखा है कि दावों में दम दिखाई देता है और इस मसले पर बारीकी से विचार करने की दरकार है। टेक्सस के अटॉर्नी जनरल केन पैक्सटन ने एक x पोस्ट में कहा कि यह तो केवल पहला कदम है। हम टेक्सस, देश और कानून के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। टेक्सस राज्य इस केस में एक पार्टी भी है।
नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले बाइडेन प्रशासन आव्रजन के मुद्दे को लेकर जूझ रहा है। इस मसले पर अमेरिकियों में बड़े पैमाने पर मत-विभाजन है और यह मुद्दा कहीं न कहीं अमेरिका की सियासत और खास तौर से आगामी चुनाव को लेकर बेहद मायने रखता है। डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से अब बाइडेन की जगह उप राष्ट्रपति कमला हैरिस शीर्ष पद के लिए चुनाव मैदान में हैं और उनका मुकाबला रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से है।
एक तरफ डेमोक्रेटिक पार्टी जहां आव्रजन और प्रवासियों को लेकर टेढ़ी डगर पर चल रही है तो दूसरी ओर रिपब्लिकन का रुख साफ है और उन्होंने प्रवासियों को एक तरह का आक्रांता तक करार दे दिया है। ट्रम्प का अभियान प्रवासियों को हमलावर बता चुका है।
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