उनके नाम के उल्लेख मात्र से उस सिनेमा की याद आ जाती है जिस पर बॉलीवुड को गर्व है। उन्होंने न केवल हमें कुछ यादगार किरदार दिए बल्कि उन्होंने अपने काम से सिनेमा की लीग को एक पायदान ऊपर भी पहुंचाया है। चाहे वह 'बंटी और बबली' हो या 'मर्दानी' या फिर 'हिचकी'... आप उनसे जो भी करने को कहें वह उसमें फिट बैठती हैं। और करती हैं। तो चलिए इस रानी यानी रानी मुखर्जी की जिंदगी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें साझा करते हैं जो बहुत लोग न जानते होंगे।
रानी का जन्म 21 मार्च को हुआ था। मगर जिस दिन उनका जन्म हुआ अस्पताल वालों ने गलती से उनकी मां को गलत बच्चा दे दिया। लेकिन मां ने देखा कि यह वह बच्चा तो नहीं है जिसको उन्होंने जन्म दिया था। इसलिए क्योंकि मां को दिये गये उस बच्चे की आंखें सुंदर-भूरी नहीं थीं। जिस बच्चे को मां ने जन्म दिया था उसकी आंखें तो सुंदर थीं। वही रानी थी। अस्पताल वालों को जब यह बात बताई तो मां को रानी मिल गई। तो इस दुनिया में रानी की इस तरह एंट्री हुई। मुखर्जी परिवार में रानी की एंट्री कितनी घटनापूर्ण थी। रानी को सिनेमा की उस विरासत का हिस्सा बनना था जो उनके उपनाम के साथ आती है। इस विरासत से कोई उन्हे कैसे अलग कर सकता था।
लेकिन जब उन्होंने शुरुआत की तो किसी ने उनकी कला और प्रतिभा के बारे में ज्यादा नहीं सोचा। शायद और सिवाय आदित्य चोपड़ा और करण जौहर के। दोनों 'राजा की आएगी बारात' में दुष्कर्म पीड़िता की भूमिका निभाते समय उसे चिल्लाते हुए देखते रहे और उनमें संभावनाएं देखीं। बेशक, गुलाम के रूप में उनकी हिट ने वास्तव में उस फिल्म को हासिल करने में मदद की जिसने अंततः उन्हें फिल्म उद्योग में सुरक्षित कर दिया। वह फिल्म थी कुछ कुछ होता है, जिसके पहले ही दृश्य में उनकी मौत हो जाती है।
फिल्म भले ही शाहरुख-काजोल की हिट के रूप में देखी जाती हो लेकिन उस फिल्म में रानी को कौन नजरअंदाज कर सकता था। 'कोई मिल गया...' नंबर कोरियोग्राफ करने वाली फराह खान को अच्छी तरह से याद है कि रानी ने शाहरुख और काजोल की नाक के नीचे से शो चुरा लिया था। उन्होंने न केवल अपने किरदार के साथ न्याय किया बल्कि जिस किरदार को ट्विंकल खन्ना से लेकर रवीना टंडन तक न कर चुकी थीं उसे टीना यानी रानी ने अमर बना दिया।
रानी एकमात्र ऐसी अभिनेत्री हैं जिन्होंने एक ही वर्ष ( 2005) में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री (युवा) और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (हम तुम) दोनों के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता है। वह ब्लैक (2006) के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और क्रिटिक्स पुरस्कार जीतने वाली एकमात्र अभिनेत्री भी हैं। इस मुनादी के साथ कि अदाकारी का ताज पहने के लिए उनके अलावा कोई और नहीं है। लेकिन जब भी रानी ने प्रतिस्पर्धाओं का सामना किया तो हर बार जी-जान से संघर्ष किया।
रानी के सपने हमेशा सुर्खियों से परे कुछ करने के थे। कितनी अजीब बात है कि रानी ने उस व्यक्ति में अपने पूरे जीवन की खुशी देखी जिसने एक अभिनेता के रूप में उनमें संभावनाएं देखीं और उन्हें बी-ग्रेड सिनेमा से शीर्ष रैंक तक पहुंचाया। यानी आदि... आदित्य चोपड़ा। आदि भी सुर्खियों से दूर रहने वाले फिल्मकार हैं। आदि और रानी की शादी इटली में हुई। इसमें बहुत खास और परिवार के लोग शामिल हुए। आज भी रानी बॉलीवुड के ग्लैमर और मीडिया की सुर्खियों से दूर रहती हैं और लगभग गायब रहती हैं। मगर जब सामने आती हैं तो छा जाती हैं।
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