भारतीय प्रवासी परिषद (IDC) ने 2 अक्टूबर, 2024 को महात्मा गांधी की 155वीं जयंती मनाई। इसके साथ ही गांधी के अहिंसक प्रतिरोध और सामाजिक न्याय की स्थायी विरासत को सम्मानित किया। मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। भारत में राष्ट्रपिता के रूप में जाने जाने वाले गांधी ने अपने अहिंसक प्रतिरोध या सत्याग्रह के दर्शन के माध्यम से देश की स्वतंत्रता के संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ उनके शांतिपूर्ण विरोध के तरीकों ने 1947 में भारत को स्वतंत्रता हासिल करने में अहम रोल निभाया।
इस मौके पर पूरे भारत में कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्मारक समारोह शामिल थे। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य नेताओं ने गांधी के स्मारक राजघाट पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। शिक्षण संस्थानों ने छात्रों को बहस, फिल्म स्क्रीनिंग और गांधी के पसंदीदा भजन 'रघुपति राघव राजा राम' के प्रदर्शन जैसी गतिविधियों में शामिल किया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गांधी का प्रभाव आज भी महसूस किया जाता है। 2007 में संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस घोषित किया। अहिंसा, सत्य और समानता के उनके उपदेशों ने दुनिया भर में सामाजिक परिवर्तन के लिए आंदोलनों को प्रेरित किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'सभी देशवासियों की ओर से गांधी जी को उनकी जयंती पर नमन। सत्य, सद्भाव और समानता पर आधारित उनका जीवन और आदर्श हमेशा देशवासियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।'
IDC की सामुदायिक सांस्कृतिक मामलों की निदेशक निकोल बिस्सेसर ने गांधी की वैश्विक प्रासंगिकता पर जोर देते हुए कहा, 'हम गांधी की 155वीं जयंती मना रहे हैं। यह एक अधिक न्यायपूर्ण और समान दुनिया के लिए उनके विजन को आगे बढ़ाते हुए हमारे दैनिक जीवन में शांति, सहनशीलता और सद्भाव के मूल्यों को अपनाने का अवसर है।'
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